‘मर्सी केयर्स क्लिनिकल टेलीहेल्थ हब’ में क्लिनिकल टीम की प्रमुख नर्स निशा जोस ने कहा कि कार्यक्रम ने अनुबंध देखभाल को पूरी तरह से बदल दिया है और बीमार होने पर घर की आराम चाहने वालों के लिए यह बहुत गंभीर क्षति है।
ब्रिटेन सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए काम करने वाली भारतीय मूल की एक नर्स ‘वर्चुअल वर्ड्स’ की नई योजना को बढ़ावा दे रही हैं। योजना के तहत भाई-बहनों को वीडियो या फोन के माध्यम से घर में ही अस्पताल जैसी देखभाल प्रदान करने में मदद की जाती है जिससे गंभीर रूप से बीमार रहने के लिए अस्पताल में खाली खड़े रहते हैं। ‘मर्सी केयर्स क्लिनिकल टेलीहेल्थ हब’ में क्लिनिकल टीम की प्रमुख नर्स निशा जोस ने कहा कि कार्यक्रम ने अनुबंध देखभाल को पूरी तरह से बदल दिया है और बीमार होने पर घर की आराम चाहने वालों के लिए यह बहुत गंभीर क्षति है।
एनएचएस की नई योजना में पूरे इंग्लैंड में अब 340 से अधिक तथाकथित ‘वर्चुअल वार्ड’ कार्यक्रम शामिल हैं। इसमें 7653 ‘वर्चुअल दृष्य’ भी हैं जहां चिकित्सक दूरस्थ माध्यम से रोगी की स्थिति पर नजर रखते हैं। जोस ने कहा, “लोग सामान्य स्थिति और घर जैसा आराम चाहते हैं और फिर भी जब वे घर के कैमरे हैं, तो वे अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हमारे ‘वर्चुअल वार्ड’ कार्यक्रम के माध्यम से हम सब कुछ कर सकते हैं जो अस्पताल के वार्ड में होता है। हम किसी काम का पता लगाने के लिए हर छह घंटे में उसकी जांच करते हैं। हम घर जा कर उनकी ईसीजी भी कर सकते हैं। यह सच में उसे कैसे बदला जाता है जिससे हम देखभाल प्रदान करते हैं।” मर्सी केयर एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित उनकी ‘टेलीहेल्थ टीम’ एक दिन में करीब दो हजार दर्शकों की मदद करती है।
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एनएचएस की ‘वर्चुअल वार्ड्स’ योजना के तहत एक लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है। इस साल जनवरी में ही सिर्फ 16 हजार लोगों का इलाज किया गया। एनएचएस ने कहा कि उनके ‘वर्चुअल वार्ड्स’ योजना के तहत भाई घर पर ही सुरक्षित तरीके से अस्पताल के स्तर की देखभाल कर सकते हैं और जाने-पहचाने माहौल में वह तुरंत स्वस्थ हैं और अस्पताल में उन लोगों को देखने के लिए खाली रहते हैं। जिनकी ज्यादा जरूरत है।
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