मध्यप्रदेश

पिता का कर्ज चुकाने के लिए मछली पकड़ने वाली बेटी बनी भारतीय नौसेना की अधिकारी

UNITED NEWS OF ASIA. खंडवा। मेहनत और लगन से तकदीर बदली जा सकती है, यह साबित कर दिखाया है मध्य प्रदेश के खंडवा की बेटी कावेरी डिमर ने। कभी पिता का कर्ज उतारने के लिए नाव चलाकर मछली पकड़ने वाली यह बेटी अब भारतीय नौसेना (Indian Navy) में देश की सेवा करेगी। खिलाड़ी कोटे से इंडियन नेवी में चयन होने के बाद जब कावेरी पहली बार अपने गांव पहुंची, तो ग्रामीणों ने गर्व और सम्मान के साथ तिलक लगाकर भव्य स्वागत किया

संघर्ष की कहानी बनी सफलता की मिसाल

खंडवा जिले के सिंगाजी गांव की रहने वाली कावेरी डिमर का बचपन संघर्षों से भरा था। नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में वह अपने पिता के साथ नाव चला कर मछली पकड़ने का काम करती थी। पिता पर 40 हजार रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाने में उन्होंने पूरा परिवार का साथ दिया। तीनों बहनें रोज सुबह जाल से मछलियां निकालकर ठेकेदार को देती थीं, ताकि घर का खर्च चल सके।

खेलों से मिली नई उड़ान

2016 में खंडवा के तत्कालीन स्पोर्ट्स ऑफिसर जोसेफ बक्सला की नजर कावेरी पर पड़ी, जब वह नाव चला रही थी। उन्होंने कावेरी और उसकी बहनों को भोपाल की वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी भेज दिया। वहां उन्होंने कैनोइंग (Canoeing) में महारत हासिल की और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता की नई इबारत लिखी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहराया

कावेरी ने मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में भाग लिया और देश का नाम रोशन किया—

  •  एशियन चैंपियनशिप (थाईलैंड) – ब्रॉन्ज मेडल
  •  एशियन गेम्स (चीन) – प्रतिभागी
  •  वर्ल्ड चैंपियनशिप (जर्मनी) – प्रतिनिधित्व
  •  ओलंपिक क्वालिफायर (जापान) – भागीदारी
  •  यू-23 एशियन चैंपियनशिप (थाईलैंड) – भागीदारी
  •  नेशनल चैंपियनशिप – 45 गोल्ड, 6 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज मेडल

उनकी शानदार उपलब्धियों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें 11 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया था

अब इंडियन नेवी में करेंगी देश की सेवा

खेल के दम पर भारतीय नौसेना में चयन के बाद जब कावेरी पहली बार अपने गांव पहुंची, तो माता-पिता की आंखों में गर्व और खुशी के आंसू थे। गांववालों ने तिलक लगाकर, माला पहनाकर और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका सम्मान किया

मां ने भावुक होकर कहा—
“बेटी ने हमारा नाम रोशन कर दिया और हमारा कर्ज उतार दिया।”

पिता बोले—
“वह पढ़ाई के साथ-साथ मेरी मदद भी करती थी, आज वह पूरे देश का गौरव बन गई है।”

कावेरी की सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा

जो लड़की कभी पिता के साथ नाव चलाकर मछली पकड़ती थी, आज वह भारतीय नौसेना की गौरवशाली वर्दी पहनकर देश की सेवा करेगी। कावेरी की यह कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है कि यदि मेहनत और हौसला हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

 


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