
भारतीय सेना अलर्ट, ओडिशा के पास चीनी जासूसी जहाज दिखा रहा है, जानें कितना खतरनाक है?
भारत-चीन: कुटील चीन अपने करतूतों से बज नहीं रहा है। भारत के खिलाफ वो कुछ न कुछ खुराफात करता रहता है। डोकलाम और गालवान में मुंह के खाने के बाद अब वह भारत के आसपास की समुद्री सीमा पर चौकसी कर रहा है। हिंद महासागर में भी उसका जहाज बार-बार देखा जाता है। इसी बीच हाल ही में चीन के एक जासूसी जहाज को भारत की खतरनाक सीमा के बिल्कुल करीब देखा गया है। इस जहाज का नाम है-‘यांग शि यू 760’। यह जासूसी जहाज बंगाल की खाड़ी में गश्त कर रहा है। चीन का यह जासूसी जहाज इस समय पारादीप तट से 300 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है। जल क्षेत्र में होने के कारण भले ही इस जहाज को खदेड़ा नहीं जा सकता, लेकिन यह बिल्कुल हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमा के सामने खड़ा होकर जासूसी कर रहा है। यह स्पाई शिप बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में गहराई और लवणता जैसे डेटा को इकट्ठा कर रहा है। इस डेटा को भविष्य में बंगाल की खाड़ी में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बंगाल की खाड़ी में क्या कर रहा है चीनी जासूसी जहाज
चीन का जासूसी जहाज यांग शि यू 760 अधिकृत तकनीक से लैस है। इसे 2015 में टियांजिन में बनाया गया था। इसका वजन 2000 टन है। चीनी नौसेना ऐसे जहाजों को नियमित रूप से हिंद महासागर में भेजती है। इनका समुद्री मकसद गहराई, लवणता जैसे डेटा में शामिल होना और समुद्र के नीचे का 3डी मैप बनाना है। लेकिन इसके विज्ञापन में वह लेने का काम भी कर सकता है। वर्तमान में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना के ऐसे ही दो अन्य स्पाई शिप भी गश्त कर रहे हैं। इससे आशंका जा रही है कि आने वाले दिनों में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना की छवि बढ़ती जा रही है।
चीनी जासूसी जहाज से भारत को क्या खतरा है
भारतीय नौसेना के जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इस चीनी जासूसी जहाज ने भारतीय विशेष इकॉनमिक जोन में प्रवेश नहीं किया है और ना ही किसी शोध कार्य को अंजाम दिया है। लेकिन चालबाज चीन की लगातार होने वाली हरकतों पर ध्यान रखते हुए भारतीय नौसेना इस चीनी जासूसी जहाज की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है। चीनी जासूसी जहाज से भारत के कोलकाता और हल्दिया बंदरगाह से समुद्री व्यापार को खतरा हो सकता है। चीन इस इलाके का डेटा अपने पनडुब्बियों को गश्त के लिए भेज सकता है। पानी के नीचे पनडुब्बियों का पता लगाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में भारत की चिंता बढ़ सकती है।
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