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मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट का फैसला करने का फैसला भारत ने किया स्वागत, कहा- आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को देखते हुए आगे बढ़ेंगे

अब्दुल रहमान मक्की पर विदेश मंत्रालय

क्रिएटिव कॉमन

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और सटीक कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बना रहेगा।

संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद की इस्लामिक और अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने पर भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और सटीक कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बना रहेगा। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा लश्कर आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के फैसले का स्वागत करते हैं, जो लश्कर नेता हाफिज सईद की बहनोई भी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों का खतरा अधिक बना हुआ है और यूएनएससी द्वारा प्रतिबंध और प्रतिबंध, इस तरह की गतिविधियों को रोकने और क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए एक प्रभावी उपकरण हैं। भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, सटीक और सूक्ष्म कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बना रहेगा। मक्की ने लश्कर में विभिन्न नेतृत्व की भूमिका निभाई, जिसमें संगठन के लिए धन जुटाना भी शामिल है।

कश्मीर में चुनावी योजना बनाना, युवाओं का ब्रेनवॉश कर तय करने का काम भी सुनिश्चित करता था। आतंक के लिए धन का जिम्मा भी मक्की के पास है। अमेरिका की तरफ से 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया है। स्लीपर सेल के लिए भी अब्दुल रहमान मक्की शामिल है। मक्का का नाम पहली बार भारत में तब सुना गया जब देश 26/11 जैसे खतरनाक हमलों से दहल गया था। मक्की के इन हमलों का मास्टरमाइंड था। गृह मंत्रालय की तरफ से साल 2022 में बताया गया था कि 74 साल का मक्का साल 2006 से ही भारत में प्राथमिकताओं में शामिल हो रहा है।

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