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भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने के करीब, पहली बार घटी चीन की आबादी; विवरण जानें

प्रतिकात्मक चित्र- India TV Hindi

छवि स्रोत : पीटीआई
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दिल्ली जनसंख्या के मामले में भारत चीन को छोड़कर नंबर वन देश बनने के करीब पहुंच गया है। चीन में पिछले 6 दशकों में पहली बार जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू (WPR) के रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 के अंत तक भारत की आबादी 141.7 करोड़ थी। वहीं चीन ने 17 जनवरी को अपनी आबादी का बैंक जारी किया, जिसकी कुल आबादी 141.2 करोड़ है। यदि विश्व जनसंख्या समीक्षा (डब्ल्यूपीआर) के सर्वेक्षणों का मानक एक अनुपात है तो भारत की जनसंख्या के मामले में चीन को आगे का नुकसान हुआ है। हालांकि भारत की ओर से अभी तक जनसंख्या का आधिकारिक खाता जारी नहीं किया गया है।

1961 के बाद पहली बार जनसंख्या में कमी आई

चीन के चौक कार्यालय के अनुसार देश का संचारी संकट 2022 में गहरा गया, क्योंकि 1961 के बाद पहली बार गिरती जन्म दर के कारण इसकी आबादी में कमी दर्ज की गई। इस बीच एक अनुमान में कहा गया है कि चीन की आबादी सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। राष्ट्रीय मानक ब्यूरो (एनबीएस) के अनुसार, देश में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 के अंत में जनसंख्या 8,50,000 कम रही है। एनबीएस द्वारा मंगलवार की घोषणा ऐसे समय में हुई जब चीन की आर्थिक वृद्धि पांच दशकों में अपने दूसरे सबसे निचले स्तर पर आ गई और वर्ष 2022 में चीन में तीन प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

2023 में चीन की ग्रोथ भारत में बढ़ेगी

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (जनसंख्या क्षेत्र) द्वारा विश्व जनसंख्या अनुमान 2022 की आउटलुक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत 2023 में दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में चीन की स्थिति बढ़ेगी। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 में भारत की जनसंख्या 1.668 अरब होने का अनुमान है, जो इस सदी के मध्य तक चीन की स्थिति 1.317 अरब की जनसंख्या से अधिक है। ब्यूरो ने मंगलवार को बताया कि 1.041 करोड़ लोगों की मौत के कारण 95.6 लाख लोगों के जन्म के साथ देश की आबादी 1.411.75 अरब रह गई। इनमें से 72.206 करोड़ पुरुष और 68.969 करोड़ महिलाएं हैं।

चीन ने 2016 में एक परिवार एक बच्चे की नीति खत्म की

चीन में साल 2016 में ‘एक परिवार एक बच्चा’ नीति खत्म कर दी गई थी। साथ ही देश में परिवार के नाम को आगे बढ़ाने के लिए पुरुष संतति को तरजीह देने का चलन है। यह नीति खत्म होने के बाद चीन ने एक से अधिक बच्चों के जन्म के लिए बढ़ावा दिया, हालांकि इसमें अधिक सफलता नहीं मिली। चीन के शहरों में बच्चों के बाल-झुकने का अत्यधिक खर्च को अक्सर इसकी एक वजह बताया जाता है। पूर्वी एशिया के अधिकांश हिस्सों में ही ऐसा देखने को मिलता है, जहां जन्म दर में तेजी से गिरावट आई है। चीन लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है, लेकिन जल्द ही भारत के पीछे लौटने की संभावना है।

चीन की ग्रामीण आबादी में 73.1 लाख की गिरावट आई है

भारत की कनेक्शन आबादी अभी 1.4 अरब है और जो लगातार बढ़ रही है। ऐसा माना जाता है कि चीन ने 1950 के दशक के अंत में आखिरी बार ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ के दौरान आबादी में गिरावट दर्ज की थी। माना जाता है कि सामूहिक खेती और प्रशासन के लिए माओत्से तुंग के इस विनाशकारी अभियान के कारण अकाल की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे लाखों लोग मारे गए। ब्यूरो के मुताबिक, चीन में 16 से 59 साल की उम्र के हिसाब से काम करने की उम्र के कुल 87.556 करोड़ लोग हैं, जो देश की कुल आबादी का 62.0 प्रतिशत है। वहीं 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों की कुल संख्या 20.978 करोड़ है, जो कुल जनसंख्या का 14.9 प्रतिशत है। वर्ष 2022 में स्थायी शहरी जनसंख्या 64.6 करोड़ से बढ़कर 92.071 करोड़ हो गई, जो कुल जनसंख्या का 65.22 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण जनसंख्या में 73.1 लाख की गिरावट आई है।

कोरोना महामारी के प्रकोप की जनसंख्या के आंकड़ों पर प्रभाव पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की गई। संक्रमण का पहला मामला चीन के वुहान शहर में ही सामने आया था। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल का अनुमान लगाया था कि 15 नवंबर को दुनिया की आबादी आठ अरब तक पहुंच गई थी और भारत 2023 में सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में जल्द ही चीन की जगह ले लेगा। विश्व जनसंख्या दिवस पर एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि 1950 के बाद पहली बार 2020 में वैश्विक जनसंख्या वृद्धि में एक प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री (चीन) 2022 में तीन प्रतिशत देती है, जो पिछले साल के 8.1 प्रतिशत से भी कम है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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