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भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है और हमारी एकात्मता का आधार हमारी संस्कृतियां हैं : शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता शाह ने शुक्रवार को वाराणसी में एक महीने तक ‘काशी तमिल संगम’ के समापन समारोह में कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है और हमारी एकात्मता का आधार हमारी संस्कृतियां हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘काशी मंत्री संगम’ के माध्यम से सदियों से जोड़ने का प्रयास किया जाता है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता शाह ने शुक्रवार को वाराणसी में एक महीने तक ‘काशी तमिल संगम’ के समापन समारोह में कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है और हमारी एकात्मता का आधार हमारी संस्कृतियां हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘काशी मंत्री संगम’ के माध्यम से सदियों से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। ‘आज़ादी के अमृत उत्सव’ वर्ष में ‘काशी तमिल संगम’ का स्थान बनाकर देश की सांस्कृतिक एकता के पुनर्जागरण का उत्तम प्रयास करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आकांक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ”काशी तमिल संगम’ ने भारत की संस्कृति के दो शिखरों के बीच सेतु के रहने से कई दूरियों ने काम किया है।”

उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक एकता से ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की रचना होगी। शाह ने आज शाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर ग्राउंड में काशी-तमिल मेघमम के समापन समारोह को संदेश देते हुए कहा, ”आजादी के बाद भी एक समय ऐसा आया कि देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया। कई प्रकार के अलग-अलग विचार के माध्यम से, सूत्रों के माध्यम से एक ही देश के दो विचारों को विमुख करने का प्रयास किया गया, लेकिन अब समय आ गया है ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की रचना करने का और वह भारत की सांस्कृतिक एकता से ही हो सकता है।

बिना नाम के लिए गैर-बीजेपी पर लक्षित हुए शाह ने कहा, ”बहुत लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ। मोदी जी ने काशी तमिल संदेशम के माध्यम से सदियों से संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ” मुझे भरोसा है कि यह प्रयास आने वाले दिनों में सिर्फ काशी और तमिल हीं नहीं, पूरे देश की और संस्‍कृतियों को जोड़ने का एक सफल प्रयास होगा।

गृह मंत्री ने कहा, यह प्रयास आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, काफी सालों तक नहीं हुआ, गुलामी की एक लंबी अवधि की मात्रा में हमारी सांस्कृतिक एकता, हमारी विरासत की विविधता और हमारी अलग-अलग में भारतीय आत्मा का एक रूप को कुछ हद तक मलिन किया था, उसकी पुनर्जागरण की आवश्यकता थी और स्वतंत्रता के तुरंत बाद यह प्रयास होना चाहिए था, लेकिन यह प्रयास नहीं हुआ।’ स्वतंत्रता के अमृत वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सांस्कृतिक एकता का पुनर्जागरण किया है।

मैं इसके लिए मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा, यह एक प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी तमिल संगमम की परिकल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है, लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि यह पूर्णाहुति नहीं है, बल्कि यह शुरुआत है। शाह ने कहा, भारतीय संस्कृति के दो उत्तुंग शिखर तमिलनाडु की संस्कृति, दर्शन, भाषा, कला, ज्ञान और सकल विश्व में किसकी मान्यता है, ऐसी काशी की नगरी की सांस्कृतिक विरासत की मिलन की शुरुआत है और विचारों से यह रास्‍ता आगे जाने वाला है ।

उन्होंने कहा, भारत कई प्रकार की संस्कृतियों से बना देश है, कई प्रकार की भाषाएं, कई प्रकार की बोलियां और कई कलाएं हैं लेकिन सबके बीच गुप्त रूप से देखें तो उनकी आत्मा एक है और वह भारत की आत्मा है। शाह ने कहा, इसलिए जो दुनिया भर के देशों के अस्तित्व की रचना का अभ्यास करने वाले पंडित कहते हैं कि भारत एकमात्र देश है जो संस्कृति के आधार पर बना देश है। हमारे देश की एकात्मकता का आधार हमारी संस्कृतियां हैं। इतिहास का हवाला देते हुए गृहनगर ने कहा कि दक्षिण से आकर आदि शंकराचार्य ने अपने ब्रह्म सूत्र में टिप्पणी पर काशी के वैज्ञानिक के बीच स्वीकृति पाई और उसके बाद यह मोदी जी का सबसे सफल मंत्री है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की संस्कृति और काशी के बीच एक सेतु बनाने का काम किया है और चमत्कार से भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत हुई है। शाह ने यह भी कहा कि आज इसी काशी तमिल संगमम में पता चला है कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी में से एक है। उन्होंने कहा, मैं काशी वालों का धन्यवाद करना चाहता हूं, तमिलनाडु से आए सभी भाई-बहनों काशीवासियों ने मन से स्वागत किया है। तमिलनाडु वाले काशी को कभी भूल नहीं सकते।

समापन समारोह को संदेश देते हुए उत्तर प्रदेश के महामंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं तमिलनाडु भी कला, संस्कृति, ज्ञान की प्राचीन परंपराओं का नेतृत्व करता है।” उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम प्रधानमंत्री की एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करता है।

उन्होंने कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती जी नतमम से काशी की धरती को ज्ञान व साहित्य की एक समृद्ध परंपरा दी गई है। भारत सरकार के साथ मिलकर उनके पवित्र स्मारक को भव्य रूप देने में यूप्र सरकार अपना भरपूर योगदान देगी। समारोह को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्राइम ने भी संदेश दिया। प्रधान ने अंगवस्त्र देकर शाह का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा करीब एक माह तक वाराणसी में चले काशी-तमिल मेघमम की शुरुआत 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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