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पाकिस्तान को सबसे अधिक संख्या में चिंताओं को पाना देने की ‘अनूठी विशेषता’ प्राप्त हुई है: India

जिनेवा में, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएसीआरसी) में पाकिस्तान के दावों का जवाब देने के अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि जब यह (पाकिस्तान) पूरी तरह से अपने आवाम का दमन नहीं कर रहा है, तो पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन कर रहा है। सिक्योरिटी को पाना और उद्दीपन में अपनी संपूर्ण ऊर्जा गतिविधि से झोंकता है।

भारत ने पाकिस्तान के ”दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार” को लेकर उसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा घोषित सर्वाधिक संख्या में रेटिंग को अपने यहां शरण देने की एक ”अनूठी विशिष्टता” प्राप्त हुई है और इसकी खोज दुनिया में हजारों लोगों की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। जिनेवा में, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएसीआरसी) में पाकिस्तान के दावों का जवाब देने के अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि जब यह (पाकिस्तान) पूरी तरह से अपने आवाम का दमन नहीं कर रहा है, तो पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन कर रहा है। सिक्योरिटी को पाना और उद्दीपन में अपनी संपूर्ण ऊर्जा गतिविधि से झोंकता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में सचिव सीमा पुजानी ने कहा, ”इसे (पाकिस्तान को) यूएनएससी द्वारा सबसे अधिक संख्या में दावा और संगठन की मेजबानी करने की विशिष्टता प्राप्त है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की शीर्ष सैन्य अकादमी के ठीक सामने एक परिसर में छिपा हुआ था। इसके सुरक्षा दस्तावेजों ने हाजिफ सईद और मसूद अजहर को दशकों तक सहायता की और पाना दी।”

उन्होंने पाकिस्तान के बयानों के जवाब में कहा, ”आतंकवाद को समर्थन देने के पाकिस्तान के इतिहास के ये कुछ दुर्दम्य उदाहरण भर हैं। पाकिस्तान के साझेदार विश्व भर में हजारों लोगों की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।” पुजानी ने कहा कि जब पाकिस्तान की आबादी अपने जीवन, गतिविधि और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में पड़ोसी देश का भारत के प्रति यह रवैया वहां की सरकार की रूपरेखा का संकेत है।

उन्होंने कहा कि इसके नेताओं और अधिकारियों को भारत के खिलाफ ”बेबुनियाद दुष्प्रचार” करने के बजाय अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करके अपने लोगों को फायदा पहुंचाना चाहिए। पुजानी ने पाकिस्तान में लोगों की गुमशुदगी का दावा करते हुए कहा कि छात्र, चिकित्सक, इंजीनियर, शिक्षक और समुदाय के नेतृत्व को नियमित रूप से वहां सरकार की गुमशुदगी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ”पिछले दशक में लोगों की घुसपैठ के लिए अधिकृत पाकिस्तान के अपने ही जांच आयोग को 8,463 शिपिंग मिली थीं। बलूच (बलूचिस्तान के लोग) इस निर्मम नीति का दंश जीत रहे हैं।” अपने बयानों में पुजानी ने संयुक्त राष्ट्र सत्र में तुर्किये को लेकर भी खेद व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ”हम भारत के एक आतंरिक विषय पर तुर्किये की द्वारा की गई टिप्पणी पर खेद जताते हैं और उसे हमारे आतंरिक विषयों पर इस तरह की टिप्पणी करने से दूर रहने की सलाह देते हैं।” पुजानी ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अल्पसंख्यकों के लिए जोर दिया। का भी उल्लेख किया और कहा कि बहुसंख्यक मुस्लिम इस देश में कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक मुक्त रूप से नहीं रह सकता, ना ही अपना धर्म आचरण कर सकता है।

उन्होंने कहा, ”(पाकिस्तान में) अहमदिया समुदाय के धार्मिक आचरण को लेकर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। ईसाई समुदाय के साथ भी बुरा बर्ताव किया जा रहा है। उसे बार-बार ईशनिंदा कानून के माध्यम से निशाना बनाया जा रहा है।” भारतीय राजनयिक ने यह भी कहा, ”सेना या न्यायपालिका का अपमान करने वालों के लिए पांच साल की कैद की सजा का प्रावधान करने वाला अभी पाकिस्तान की संसद के पटल पर है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



 


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