मानक सिंह ने कहा कि डॉक्टर और मैडिकल मेज़ का हमारे देश में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी सरकारी नौकरियों को देवता के समान माना जाता है। आप सभी ने स्वामी विवेकानंद का एक कथन सुना होगा, जिसमें वे कहते हैं, कि ‘गुरु को चिकित्सक के समान होना चाहिए।
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के 63वें दिन की स्थापना के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री वर्ग सिंह ने संदेश भेजा। रेटिंग सिंह ने कहा कि एकल परिवार तक समाज में कई कारणों से ठीक था, जिसके कारण एकल परिवार भी जुड़ते और समाज उप-एकल परिवार की ओर बढ़ते हैं, अगर इस गति को रोका नहीं जाता है तो वह दिन दूर नहीं होता है समाज में विवाह का संकल्प ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की स्वास्थ्य संबंधी नीति का निर्माण हो, या देश में बन रहे नए एम्स हों, इनमें से NAMS एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अकादमी ने कामकाज के साथ अपनी प्रासंगिकता साबित की है, और आगे भी यह अकादमी देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में अपना योगदान देती रहेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
मानक सिंह ने कहा कि डॉक्टर और मैडिकल मेज़ का हमारे देश में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी सरकारी नौकरियों को देवता के समान माना जाता है। आप सभी ने स्वामी विवेकानंद का एक कथन सुना होगा, जिसमें वे कहते हैं, कि ‘गुरु को चिकित्सक के समान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को इतना बड़ा स्थान केवल हमारी संस्कृति ही दे सकती है, हम ही दे सकते हैं। चिकित्सक, समाज के लोगों को आरोग्य प्रदान करते हैं, उन्हें स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं और इसके माध्यम से न केवल समाज, राष्ट्र बल्कि मानवता के कल्याण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हैं। स्वास्थ्य, किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए प्रथम अनिवार्य तत्व होता है। किसी देश के स्वस्थ नागरिकों द्वारा ही देश का समग्र विकास संभव है।
भाजपा नेता ने कहा कि लोग हर एक स्वस्थ हो जाएंगे, देश की प्रगति के लिए जितनी ऊर्जा और सक्रियता के साथ कार्य वापस ले लिए जाएंगे। खतरनाक के होश से देखें, तो इस समय हमारा देश, दुनिया का सबसे युवा देश है। यह हमारी खुशी की बात तो है ही, लेकिन इसके साथ-साथ यह हमारी एक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी युवा आबादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि किसी गरीब परिवार में कोई बीमार है, तो वह बीमारी उस परिवार के ऊपर कितनी बड़ी आर्थिक बदहाली है। इससे निपटने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की है। दुनिया के इस सबसे बड़े घोटाले में हम 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को कवर कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अध्यात्म की जन्मभूमि रहा है। आज हम पूरी दुनिया में हम जहां कहीं भी आध्यात्मिक क्रिया-कलापों रूपी नदियां देखते हैं, उनका उद्गम भारत रूपी हिमालय ही है। आज ज़ब इंसान आधुनिकता की दौड़ में लग गया है, ऐसे में उसका आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है। अध्यात्म से मेरा मतलब मानव मन की उस अवस्था से है, जब वह समस्त सृष्टि में परमात्मा का अनुभव करता है और समस्त सृष्टि से अपना नाता जोड़ता है। यानि जब मानव समाज के सुख-दुःख को अपनी समझ से लगता है तब वह मनुष्य मेरी दृष्टि में आध्यात्मिक होता है।