
कनाडा में हाल ही में स्कीस्टिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। इन तत्वों में कुछ मंदिरों की झलक भी है। इस महीने की शुरुआत में, स्किनिस्तान व्यापार ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में दर्पण की ओर देखा था।
नई दिल्ली। भारत के राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा चूक के मामले में अब भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को राजनीतिक मिशन के खिलाफ खालिस्तानी समर्थक अतिवादी तत्वों के परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया गया है। भारत ने शनिवार को उच्चायुक्त को तलब कर अतिवादी तत्वों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा है।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि उसने शनिवार को मैके को तलब किया और स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद ”अलगाववादी एवं अतिवादी तत्व” को भारत के राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा का उल्लंघन करने की अनुमति कैसे मिली? इसके साथ ही भारत सरकार ने कनाडा के उच्चायुक्त को वियना कन्वेंशन की याद दिलाते हुए दूतावास और मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। घटना को अंजाम देने वालों की पहचान किए गए लोगों की गिरफ्तारी की मांग भी की गई है।
खालिस्तान में हिंसक प्रदर्शन के बाद कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में गत रविवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। विरोध प्रदर्शन की अधिग्रहण करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर मौजूद भारतीय मूल के पत्रकार समीर सहयोग पर भी ज़ायका ने हमला किया था। मंत्रालय ने बयान दिया है कि कनाडा को वियना संधि के तहत उसके दायित्वों की याद दिलाई गई और ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहा गया कि पहचान के तौर पर इस तरह के कृत्यों में शामिल होने वाले होने के तौर पर पहले ही की हो गया है।
मंत्रालय ने आशा व्यक्त की कि कनाडा सरकार भारत के राजनयिक और उसके राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि वे अपने सामान्य राजनयिक कार्यों को पूरा कर सकें। कनाडा में हाल ही में स्कीस्टिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। इन तत्वों में कुछ मंदिरों की झलक भी है। इस महीने की शुरुआत में, स्किनिस्तान व्यापार ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में दर्पण की ओर देखा था।
बता दें कि पंजाब में वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक समर्थक सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई से नाराज खालिस्तानियों ने कनाडा में ये कदम उठाया है। अमृतपाल के भेरा होने के बाद ही खालिस्तानी समर्थक भड़क गए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में भी ये कई हमले कर चुके हैं।
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