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वैश्विक मंदी के बीच दुनिया को संभाल सकता है भारत आईएमएफ ने पीएम मोदी पर जताया भरोसावैश्विक परिमाण के बीच दुनिया को संभाल सकता है

क्रिस्टेलिना जार्जीवा, आइआइजे मेजर (फाइल)- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: एपी
क्रिस्टेलिना जार्जीवा, आइआइजे मेजर (फाइल)

वैश्विक मंदी के बीच IMF को भारत के G20 नेतृत्व पर भरोसा: श्रीलंका के बाद से बर्बादी की राह पाकिस्तान पर आ गई जिसमें आर्थिक प्रभुत्व की मार जीत रहे हैं दुनिया की तमाम देशों में निराशा की आशंका छाई हुई है। वैश्विक परिमाण से किसी मार्ग को सूझ नहीं रहा है। एशिया से लेकर यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका तक की रेटिंग है। अज्ञात से जनता बेहाल हो रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में पूरी दुनिया को भारत से बड़ी उम्मीद है। जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइझमा) पाकिस्तान की कर्ज न चुकाने की क्षमता को भांपकर उसे फूटी कौड़ी देने को तैयार नहीं है, वही आइमैक्स भारत को दुनिया की उम्मीद बता रहा है। लेट्समफ को भारत की जी-20 नेतृत्व की पूरी गारंटी है कि वह दुनिया के अन्य देशों को भी संभाल सकता है।

मुद्राकोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा है कि दुनिया में लगातार आर्थिक वैश्विक सुस्ती और सामाजिक तनाव की स्थिति बने रहने के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जी-20 समूह में भारत के नेतृत्व (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) पर बहुत भरोसा है। जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी20 समूह के अध्यक्ष भारत वैश्विक औसत से कहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले देशों से एक बना है। भारत ने गत एक दिसंबर को अधिकृत रूप से G20 ग्रुप की अध्यक्षता संभाली थी। जॉर्जीवा ने कहा कि हम जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। क्योंकि यह विश्व के लिए एकीकृत वैश्विक उद्योग की रक्षा कर अपनी बेटियों को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।

भारत दुनिया को दिशा देंगे

इस कपट ने धोखा दिया है कि भारत इस मुश्किल घड़ी में दुनिया के लिए आशा की किरणें साबित होंगी। मैंने तय किया है कि हम एक साथ रहकर उम्मीद करते हैं कि भारत व्यापक वैश्विक सेवा कर सकता है। उन्होंने डिजिटलीकरण की दिशा में भारतीय प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “भारत के लिए यह बहुत अच्छा काम कर रहा है कि वह COVID-19 महामारी से तेज हुए डिजिटलीकरण को किस तरह से निष्पादित किया है। डिजिटलीकरण सार्वजनिक नीति और निजी क्षेत्र के विकास दोनों के लिए एक मजबूत लाभ का बिंदु साबित हुआ है। डिजिटल पहचान और डिजिटल सार्वजनिक संरचना के मेल से भारत को नीतिगत समर्थन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने की सुविधा मिली है। उन्होंने कहा, “इससे भारत उन लोगों को बहुत अच्छी तरह लक्षित कर सकता है। पाता है जो समर्थन पाने के पात्र हैं।

भारत के प्रभावकारी टीकाकरण और डिजिटलीकरण की अपेक्षा
आइ फ्रेमवर्क ने प्राथमिकता के आधार पर और अत्यधिक प्रभावी तरीके से टीकाकरण करने के लिए भी भारत की भारी आकांक्षा की है। आईजीएफ के अनुसार निजी क्षेत्र के लिए भी भारत में डिजिटलीकरण का अभियान काफी हद तक साबित हुआ है। उन्होंने कहा, “यह ब्रांडेड सर्कस और झूठ के बहुत तेज़ी से विस्तार के लिए एक उर्वर ज़मीन बन गया है। भारत द्वारा संबंधित बाध्यताएँ बनाने के लिए इसे G-20 तक एक क्षेत्र के रूप में ले जाने का इरादा रखता है। एक प्रमुख ने कहा है। कि सार्वजनिक मंच पर डिजिटलीकरण का निर्माण, सार्वजनिककरण डिजिटलीकरण की लागत को कम करने वाली सार्वजनिक रूपरेखाएँ बनाना और विकास एवं रोजगार के एक स्रोत के रूप में इसका इस्तेमाल कैसे मार्क करना G20 की योजनाओं में शामिल हैं।

आइ फ़ॉर्म ने कहा कि श्रीलंका और पाकिस्तान बर्बाद और भारत आबाद
आईआईएम ने कहा कि भारत ने कुछ असम्बद्ध सुधार किए हैं, यह सुनिश्चित किया गया है कि अब उसे लाभ मिल रहा है। आज के दौर में भारत को घरेलू कारणों से शेष दुनिया में अधिक चिंता हो रही घटनाएं हो रही हैं। जॉर्जीवा ने कहा, “भारत निश्चित रूप से एशिया में हो रही घटना से प्रभावित होता है। पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान स्थिर बने हुए हैं। चीन का भी नाटकीय रूप से धीमा हो जाना पूरे एशिया को प्रभावित कर रहा है। भारत का मजबूत होना दुनिया के लिए बड़ी राहत की बात है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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