नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय मूल के ब्रिटिश पीएम ऋषि के नेतृत्व में दोस्ती की एक नई इबारत लेटर को तैयार हैं। व्यापार से लेकर उद्योग, संरक्षण और वनीकरण परिवर्तन के मुद्दे अगले 10 वर्षों तक की कार्य योजना दोनों देश तैयार कर रहे हैं। इस संबंध में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष जेम्स क्लेवरली से टेलीफोन पर बातचीत की है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के संबंध अब और अधिक तय होंगे। नवंबर 2022 में पीएम मोदी और ऋषि इंडोनेशिया के बाली में जी-20 सम्मेलन में गर्मी से मिले थे। इसके बाद ही माना जा रहा था कि अब दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई मिलेगी। इसका कवायद अब शुरू हो गया है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जयशंकर को फोन किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली से आवास और भारत की जी-20 उपस्थिति के विभिन्न दृष्टिकोण पर बातचीत की। एक और दो मार्च को जी-20 विदेश मंत्री की बैठक में भाग लेने के लिए ब्रिटेन के विदेश मंत्री की भारत की यात्रा से पहले फोन पर बातचीत हुई। जयशंकर ने ट्वीट किया, ”ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली का फोन आया। पिछले वर्ष की समीक्षा की और भारत की जी-20 अध्यक्षता के एजेंडे पर चर्चा की। वर्ष 2002 के गुजरात दंगे पर ‘बीबीसी’ के दो भाग वाले दस्तावेज़ पर विवाद के बाद जयशंकर और विदेश मंत्री क्लेवरली के बीच फोन पर यह पहली बातचीत थी। भारत ने दस्तावेज़ को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज कर दिया था। समझा जाता है कि विभिन्न क्षेत्रों में संबंध को मजबूत करने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच 10 साल के खाके के लागू होने को लेकर फोन पर बातचीत हुई।
रिलेशन को नया मुकाम मिलेगा
पीएम मोदी और ऋषि के जुगलबंदी को देखकर माना जा रहा है कि अब भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को एक नया मुकाम हासिल होगा। सुरक्षा और सहयोग के मामले में दोनों देश अब पहले से अधिक तन्मयता के साथ काम करेंगे। हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि जयशंकर और क्लेवरली की बातचीत में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा हुई या नहीं। मई, 2021 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री जॉनसन के बीच डिजिटल तरीके से आयोजित भारत-ब्रिटेन शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ब्रिटेन संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक सींचा गया था। शिखर सम्मेलन में, दोनों पक्षों ने व्यापार और उद्योग, रक्षा और सुरक्षा, वनीकरण परिवर्तन तथा लोगों के पारस्परिक संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में पुनर्वास का विस्तार करने के लिए 10 साल के खाके बनाए। मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि नवंबर में बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की थी।
यह भी पढ़ें…
भिखारी पाकिस्तान ने फिर UNGA में उठाया कश्मीर का माइल, भारत ने कर दी बेइज्जती
रूसी गोलाबारी से यूक्रेन के अस्पताल में भीषण आग लगी, 24 फरवरी को कीव में आग लगी