रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका का विऔपयोगीकरण के सबसे मजबूत संबंधों से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, सहयोगी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है।
भारत-अफ्रीका सेना के प्रमुख सम्मेलन का दावा फतह में हो रहा है। इस बैठक को रक्षा मंत्री सिंह ने संदेश दिया। अपने अटकलों में कहा कि सहस्राबियों से भारत और अफ्रीका का समृद्ध इतिहास रहा है। संपूर्ण मानवता के दृष्टिकोण से भी अफ्रीका चमकता है कि महाद्वीप, नस्ल या जातीयता की बिना अफ्रीका सभी मानवता का उद्गम स्थल है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा आबादी और तेजी से बढ़ती उद्योग के साथ दुनिया के सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के लिए समृद्धि और गरिमापूर्ण जीवन हासिल करने की हमारी साझी खोज में भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी की स्वाभाविक भावना है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका का विऔपयोगीकरण के सबसे मजबूत संबंधों से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, सहयोगी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, हमारे मन में आपके अफ्रीकी भाइयों और बहनों के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका आज एक अरब से अधिक जीवंत लोगों का घर है, जिनमें से दो तिहाड़ से अधिक 35 वर्ष से कम आयु के हैं। यदि इस मानव क्षमता को सही अवसरों के साथ समर्थन दिया जाता है, तो यह न केवल अफ्रीका के विकास के इंजन बनेंगे, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी।
अनुक्रमण ने कहा कि नए और उभरते हुए प्रौद्योगिकियां हमें इस तकनीकी अंतर को दूर करने के अवसरवादी हैं। मैं दो ऐसी उभरती हुई छवि, डिजिटल अक्षमता और स्वच्छ और हरित अपरिचित का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहता हूं। हम इन दो क्षेत्रों में अपने विकास के बारे में शिक्षित करना चाहते हैं, ताकि हमारी अफ्रीकी साझेदारियों की हमारी विशेषज्ञता में योग्यता हो। एक विशेष उदाहरण भारत के यूपीआई के नवाचार के माध्यम से डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से संपूर्ण नागरिक वर्ग का वित्तीय समावेशन है। उन्होंने कहा कि हमारे विचार और मान्यताओं का एकतरफा मामला नहीं होगा। हम अपने अफ्रीकी मित्रों के शिक्षा से भी सीखेंगे।
संरचना ने यह भी कहा कि हमारा भारतीय रक्षा उद्योग आपकी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपके साथ काम कर सकता है। अपने अफ्रीकी मित्रों को उनकी रक्षा आवश्यकताओं को स्वदेशी के रूप में पूर्ण करने के लिए वचन बनाने के उद्देश्य से, हम रक्षा निर्माण, अनुसंधान एवं विकास में अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान को साझा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी मित्रता, सम्मान और लाभ के सिद्धांतों पर आधारित है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में युगांडा की संसद को अपने सहभागियों के दौरान कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।