
वैज्ञानिक नहीं जानते, लेकिन संवेदनशील हैं कि ऐसा हो भी सकता है। उन्हें लगता है कि यह अभी भी कोविड-19 के ओमीक्रोन जैसा हो सकता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह कोरोना वायरस के कई नीचे का मिश्रण हो सकता है या फिर पूरी तरह से अलग एक नया प्रकार हो सकता है।
क्या चीन में COVID-19 के मामलों में उछाल से कोरोना वायरस का नया उत्परिवर्तित प्रकार दुनिया में फैल सकता है? वैज्ञानिक नहीं जानते, लेकिन संवेदनशील हैं कि ऐसा हो भी सकता है। उन्हें लगता है कि यह अभी भी कोविड-19 के ओमीक्रोन जैसा हो सकता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह कोरोना वायरस के कई नीचे का मिश्रण हो सकता है या फिर पूरी तरह से अलग एक नया प्रकार हो सकता है। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग मामलों के विशेषज्ञ डॉ. स्टुअर्ट कैंपबेल रे ने कहा, ”चीन में एक बड़ी आबादी रहती है और वहां प्रतिरक्षा क्षमता सीमित है। यह कुछ इस तरह की स्थिति है जिसमें हम COVID-19 वायरस के नए प्रकार का विस्फोट देख सकते हैं।”
हर नया संक्रमण कोरोना वायरस को उत्परिवर्तित होने का अवसर प्रदान करता है और यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है। 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश ने ‘जीरो कोविड’ की नीति को काफी हद तक त्याग दिया है। हालांकि, टीकाकरण दर समग्र रूप से काफी अधिक है, लेकिन खुराक खुराक लगाने की दर कम है, खासकर पौधों में। चीन का घरेलू टीका गंभीर गंभीर संक्रमण के खिलाफ पश्चिमी देशों के एम-आरएनए दावों के कम असरदार साबित हुआ है। चीन में बहुत से लोगों को एक साल पहले टीका लगाया गया था, जिसका अर्थ है कि उनमें प्रतिरक्षा क्षमता कम हो गई है। इन सबका क्या परिणाम होगा?
इसका सीधा सा जवाब है कि वायरस को उत्परिवर्तित होने के लिए एक उर्वर आधार मिल जाएगा। रे ने कहा, ”जब हम में प्रवेश की बड़ी लहरें, तब इसके बाद अक्सर वायरस का नया प्रकार होता है।” ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में वायरस के अध्ययन करने वाले डॉ। शान-लु लियू ने कहा कि चीन में कई मौजूदा ओमिक्रोन प्रकार के रेकॉर्ड्स में बीएफ-7 शामिल हैं, जो प्रतिरक्षा से बचने में शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि चीन में कोविड-19 मामलों में मौजूदा टॉस की वजह से वायरस का बीएफ-7 प्रकार है। मतदाता आबादी (जैसे की चीन) विशेष रूप से वायरस पर रूपांतरित होने का दबाव बना रहा है।
भारत में वेल्लोर स्थित क्रेशियन मेडिकल कॉलेज में वायरस का अध्ययन करने वाले डॉ. गगनदीप कांग ने कहा कि अभी यह दृश्य बाकी है कि क्या वायरस चीन में भी अपने विकास का समानता अपनाता है जो टीका विकसित होने के बाद यह बाकी दुनिया में अपनाएगा या इसके विकास का तरीका पूरी तरह से अलग होगा? मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय के विषाणु वैज्ञानिक जर्मी लुबैन ने कहा कि मौजूदा जेनेटिक वायर सिक्वेंसिंग की सीमित जानकारी चीन से मिल रही है। उन्होंने कहा, ”वहाँ जो कुछ भी चल रहा है उसे हम नहीं जानते। लेकिन इतना स्पष्ट है कि महामरी का अभी अंत नहीं हुआ है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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