पार्टी मेयर सहित नगर निगम के सभी वार्डों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पार्टी नेतृत्व इस मानक पर समझौता करने को तैयार नहीं है। इसके अलावा जिन मानकों पर प्रत्यशियों के चयन के लिए आंतरिक सर्वेक्षण जांच की जा रही है।
नगर निकाय चुनाव 2023 को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी कमर कस ली है। वाराणसी नगर निकाय चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा है, लेकिन बीजेपी किसी भी तरह के जोखिम लेने के मूड में नहीं है। यही कारण है कि निकाय चुनाव घोषणा के बाद राजनीतिक पार्टियां मानकों के आधार पर उचित होने की मांग कर रही हैं। उचित वित्त के लिए जो पहला मानक तय करना है। सपा, कांग्रेस व बसपा के बीच ज्यादा मारामारी बीजेपी के टिकट को लेकर है। पार्टी मेयर सहित नगर निगम के सभी वार्डों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पार्टी नेतृत्व इस मानक पर समझौता करने को तैयार नहीं है। इसके अलावा जिन मानकों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर आंतरिक सर्वेक्षण जांच हो रही है, उनमें पार्टी कार्यक्रमों में सक्रियता, संगठन में पार्टी आवंटन के साथ तालमेल, क्षेत्र में प्रभाव, सामाजिक व जातीयता, लोकप्रियता आदि शामिल हैं। इसे लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का फर्जीवाड़ा भी हो रहा है। माना जा रहा है कि मेयर के लिए पीएम मोदी का ही फैसला अंत होगा। हालांकि, इस रेस में कई आरएसएस के करीबी भी शामिल हैं।
अभी, इस बार निकाय चुनाव काफी दिलचस्प होंगे। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी अपनी पकड़ को बचाने के लिए पूरी ताकतों को वहीं सपा-बसपा और कांग्रेस बीजेपी के गढ़ में सेंध की कोशिश कर रही है। बीजेपी में मेयर पद के लिए पार्टी और संगठन से अस्सी से ज्यादा लोगों ने प्रिती की है। सभी ने अपने काम को दस्तावेजी स्वरूप देकर पार्टी के अधिकारियों को अपना दावा पेश किया है। इस सूची में पार्टी प्रवक्ता को लेकर काशी प्रांत के अध्यक्ष, महानगरीय अध्यक्ष सहित के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जिनमें अलग-अलग प्रकोष्ठ के कई अपने दावे पेश कर रहे हैं। ये गोपनीयों के बीच किसी एक की चुनी हुई पार्टी के लिए इस बार काफी चर्चा होती है। बड़े नाम में काशी प्रांत अध्यक्ष के महेश चंद्र श्रीवास्तव, महनगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, वाराणसी व्यापार मंडल के अजीत सिंह बग्गा, प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडे, अशोक चौरसिया, अशोक सिंह, प्रदेश सह मीडिया प्रतिशत धर्मेंद्र सिंह, मीना चौबे, आरके चौधरी सहित कई दिग्गज मेयर पद के लिए दौड़ में शामिल हैं। खास यह है कि इन नामों से हटकर भी किसी उम्मींदवार का ऐलान होने से इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि इन नामों को लेकर पार्टी के जनप्रतिनिधि भी टूट रहे हैं। हर कोई न किसी के समर्थन में खड़ा है। ऐसे में पार्टी द्वारा देखा जा रहा है कि इनमें से कौन सी पार्टी सबसे बड़ी जीत हासिल कर सकती है।
बीजेपी नेता मदन मोहन दुबे का दावा है कि उनका मामला, मुद्दे और अपनी उपलब्धियों की उपलब्धियों के दम पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी के पास हर वर्ग से संबद्ध नेता मैदान में हैं। पार्टी इस बार वाराणसी में इतिहास रचेगी। दूसरी तरफ सपा नेता इमरान खां का दावा है कि वाराणसी को उनका नाम व पहचान के अनुसार प्रत्यक्ष विकास नहीं मिल सका है। जनता के मन में इसका तरीका है। यही कारण है कि लोग इस बार यहां बदलाव की तैयारी में हैं और समाजवादी पार्टी को ही वोट देंगे। चुनाव मैदान में वैसे तो कांग्रेस-बीएसपी और आम आदमी पार्टी भी लड़ेंगे, लेकिन राजनीतिक लिप्सा का मानना है कि बीजेपी और स्पा में ही लाइव प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है। सपा से संबंधितों में ओपी सिंह, मनोज राय, धुपचंडी और लक्ष्मीकान्त मिश्र से संबंधित गुरु का नाम है।
28 साल से है बीजेपी का कब्जा
साल 2017 में महापौर पद के लिए अमरक्षित की सीट बनाई गई थी। उस समय रामगोपाल मोहले महापौर के चुनाव जीते थे। नगर निगम में 1995 से लेकर अब तक यह सीट बीजेपी के खाते में गई है। नगर निगम से पहले महापालिका थी। नगर निगम की महापौर सीट पर 28 साल से बीजेपी का कब्जा है। ऐसे में बीजेपी के इस मजबूत गढ़ में सेंधमारी करना कांग्रेस, बसपा और सपा के लिए मुश्किल होगा।
नगर निगम में अब तक के महापौर का कार्यकाल
सरोज सिंह – 30 नवंबर 1995 से 29 नवंबर 2000 (ओबीसी महिला)
अमरनाथ यादव – 30 नवंबर 2000 से 20 जनवरी 2006 (ओबीसी पुरुष)
कौशलेंद्र सिंह – 17 नवंबर 2006 से 19 जुलाई 2012 (ओबीसी पुरुष)
रामगोपाल मोहले – 20 जुलाई 2012 से अगस्त 2017 (अनारक्षित)
मृदुला जायसवाल – 12 दिसंबर 2017 से 6 जनवरी 2023 (ओबीसी महिला)
नगर निगम बनने से पहले नगर प्रमुख
कुंजबिहारी गुप्ता – एक फरवरी 1960 से 30 अप्रैल 1962
बृजपाल दास – एक मई 1962 से 31 जनवरी 1966
श्याम मोहन अग्रवाल – पांच जुलाई 1968 से पांच जुलाई 1970
सरयू प्रसाद दूबे – छह जुलाई 1970 से पांच जुलाई 1971
पूर्ण चंद्र पाठक – छह जुलाई 1971 से 30 जून 1973 तक
मोहम्मद स्वालेह अंसारी – 12 फरवरी 1989 से पांच फरवरी 1994
एक नजर में आंकड़े
नगर निगम में कुल वार्ड – 100
नगर निगम में अनुबंध की संख्या – 15,89,527
नगर पंचायत गंगापुर में कुल वार्ड – 10
नगर पंचायत गंगापुर में अटैचमेंट की संख्या -6873
प्रशासन की तरफ से जारी फाइनल लिस्ट के मुताबिक, नगर निगम में अटैचमेंट की कुल संख्या 16,11,536 हो गई है। इससे पहले 15,89,527 मतदाता थे। अंतिम सूची में 22,009 मतदाता हैं। इसी तरह गंगापुर नगर पंचायत में अटैचमेंट की संख्या घटक 6,728 हो गया है। इससे पहले 6,873 वोटर थे।