दिल्ली के चर्चित श्रद्धा मर्डर मामले में सनसनी आफताब जेल में है। इस मामले में दिल्ली पुलिस 6000 पेजों से अधिक का चार्ज साइज फीट कर चुकी है। इस चार्ज में कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। चार्ज साइज के अनुसार थ्योरी में मर्डर और इसके वैज्ञानिक प्रमाणों का जिक्र है।
दिल्ली के चर्चित श्रद्धा मर्डर मामले में एक्स आफताब के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 6000 से अधिक पेजों का चार्ज साइज स्ट्रेच की है। इस चार्ज साइज में दिल्ली पुलिस ने कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं। इस चार्ट के आकार में हत्या की घटना के हर पहलू को पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस ने मर्डर थ्योरी से लेकर वैज्ञानिक प्रमाणों को भी चार्ट के आधार पर रखा है। कुछ बूते पर वारदात को अंजाम देने वाली पुलिस को सजा मिलेगी।
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने चार्ट के आकार में 150 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। इसमें पुलिस ने दसवें आफताब के बयानों को भी शामिल किया है। इस चार्ज साइज में आफताब के जुर्म की पूरी दास्तान पुलिस ने लिखी है। इसमें साजिश और हत्या के मकसद को भी बताया गया है।
पुलिस से बचने के लिए कई काम किए
चार्ज शीट के मुताबिक पंच आफताब ने शातिर तरीके से इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट सीपी ने जानकारी दी कि आफताब ने पुलिस और कानून के शिकंजे से बचने के लिए कई हरकतें अपनाई थीं। पुलिस ने चार्ज साइज में जानकारी दी शेयर के दृश्य भी दिखाई देते हैं। 11 बजे अपने फ्लैट में लौटती है। इसके बाद आफताब और श्रद्धा के बीच समझौता हुआ। हालांकि कुछ देर तक शांति रहने के बाद शुभरात्रि के नए दोस्त को लेकर शाम हुआ और आफताब ने नाराजगी में श्रद्धा की हत्या कर दी।
आफताब ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वो श्रद्धा की मौत के बाद उसकी लाश को हिमाचल प्रदेश में ठिकाने लगाना चाहता था। इसके लिए आफताब ने 1200 रुपये का काला बैग भी खरीदा था और कुछ कैब से भी बात की जा सकती थी। हालांकि रास्ते भर में होने वाली चैंकिंग से बचने के लिए आफताब ने दिल्ली में ही श्री की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया।
श्रीमान की हत्या के बाद कई घंटे तक आफताब ने अपनी लाश को ठिकाने लगाने के बारे में सोचा। आफताब ने महरौली के जंगल के बारे में देखे हुए श्रद्धा के शव को जंगल में ट्रैकिंग का फैसला किया। इसके बाद आफताब ने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े करना शुरू किया। आफताब ने शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े किए ताकि किसी का शव न होने की संभावना हो। आफताब ने लाश के लिंक और नाखुनों को अलग से जला दिया ताकि किसी की नजर ना पड़े। पुलिस ने ये भी बताया है कि आफताब ने शरीर के टुकड़े करने के लिए कई कमजोरियों का इस्तेमाल किया था। पुलिस को सभी हथियार बरामद नहीं हुए।
बता दें कि आफताब इस पूरे मामले में इकलौता चक्कर है। श्रद्धा वाकर की हत्या के मामले में कोई और सनसनी नहीं है। आफताब ने श्रद्धा की हत्या से लेकर उसके शव को ठिकाने लगाने का काम पूरी तरह से खुद किया है।
किया है।
पुलिस ने सबूतों को जमा करने के साथ ही वैज्ञानिक तरीके से भी इस जांच को आगे बढ़ाया है। पुलिस ने ब्लड,बोन्स, डीएनए टेस्ट, पॉलीग्राफ, नार्को, प्लेलिस्ट वॉइस, वॉइस स्पेक्टोग्राफ आदि को भी सबूत के तौर पर पेश किया है। ये सभी सबूत ऐसे हैं जिससे किसी वैज्ञानिक तरीके से ये साबित किया जा सकता है कि किसी मामले का आफताब ही है।
पुलिस ने वैज्ञानिक सबूतों के साथ डिजिटल सबूत भी जुटाए हैं जिनमें मोबाइल, लैपटॉप से लेकर सोशल मीडिया साइट्स शामिल हैं। पुलिस ने दोनों की उलझनों को भी ट्रैक किया है। इन सभी को पुलिस ने अहम सबूत के तौर पर पेश किया है। पुलिस का कहना है कि उनके पास इस मामले में सभी सबूत हैं। पुलिस की थ्योरी को वैज्ञानिक और तकनीकी तौर पर सपोर्ट करने के लिए सभी सबूत हैं।
वहीं इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने लगातार जांच करते हुए महज 75 दिनों में चार्ज साइज लेबल की है। पुलिस की कोशिश है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई हो और जल्द ही जल्द ही सजा मिल जाए।