श्रद्धा वाकर की हत्या को मई में एक साल का समय पूरा हो जाएगा। लिव इन एक्टर आफताब ने 18 मई को गला घोंटकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद नवंबर 2022 में घटना का खुलासा हुआ था। मगर हत्या के 10 महीने बाद भी श्रद्धा का अंतिम संस्कार नहीं हो सकता।
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार तय समय में कर दिया जाता है। अंतिम संस्कार करने के बाद कहा जाता है कि व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। हर धर्म में अंतिम संस्कार को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। मगर एक पिता ऐसा है जिसे उसकी बेटी की मौत के 10 महीने बाद भी उसका अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं मिली है।
ये मामला कोई और नहीं बल्कि दिल्ली में सामने आए चर्चित श्रद्धा वाकर हत्या कांड है। यहां अपनी बेटी की मौत के 10 महीने से अधिक समय तक प्रचार के बाद भी वॉकर के पिता विकास वॉकर को अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता है। श्रद्धा की लिव इन भूमिकाओं में आफताब अमीन पूनावाला ने पिछले साल 18 मई को हत्या कर दी थी। हत्या के बाद इसका खुलासा नवंबर में हुआ था।
साकेत कोर्ट में 20 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान श्रद्धा के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की हत्या को मई में एक साल पूरा हो जाएगा लेकिन मैं अब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सका हूं। उन्होंने बताया कि अभी वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब आफताब को मौत की सजा सुनाई जाएगी, उसके बाद ही वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करेगा। ज़ोरब है कि उनकी बेटी के शव के टुकड़े उनके पास नहीं हैं। जब वे शव के टुकड़े सौपें देंगे उसके बाद ही वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर सकेंगे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई
इसके अलावा आफताब के खिलाफ सुनवाई को लेकर उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए। न्याय के मुकदमे में सुनवाई तत्काल अदालत (फास्ट-ट्रैक कोर्ट) में समयबद्ध तरीके से की जानी चाहिए। श्रद्धा वॉकर के पिता विकास वॉकर ने कहा, “हम तुरंत अदालत में समयबद्ध तरीके से दस्तावेजों की सुनवाई का अनुरोध करते हैं। सनसनी को मौत की सजा दी जानी चाहिए। उनकी वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह तुरंत अदालत में समयबद्ध तरीके से दस्तावेजों की सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करती हैं। उन्होंने कहा कि निर्भया मामले में फैसला आने में पूरे सात साल लग गए। मगर इस मामले को निर्भया का मामला खत्म होने में साल नहीं लगने चाहिए।
आरोप पत्र के अनुसार, आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को अपने लिव-इन अभिनय वॉकर का गला घोंटा और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर उसे ठिकाने लगाने से पहले करीब तीन सप्ताह तक घर में फ्रीज में रखा था। बाद में कई दिनों में उसने शव के मोहरे को शहर के अलग-अलग हिस्सों में ठिकाने लगा दिया, जिनमें से कुछ को बरामद कर लिया गया है।