विदेश मंत्री किन ने फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकिकी और उनके इस्राइली समकक्ष एली कोहेन के साथ अलग-अलग फ़ोन कॉल पर बात की है। इस दौरान उन्होंने शांति वार्ता फिर से शुरू करने के कदम को लेकर भी चर्चा की है।
चीन ने सऊदी अरब और ईरान के बीच बातचीत की मेजबानी करके वैश्विक मामलों में और बड़ी भूमिका की संभावना का संकेत दिया तो पहले ही दे दिया। अब अमेरिका की जगह लेने की छटपटाहट के लिए चीन एक और बड़े संघर्ष वाले मुद्दों को व्यवस्थित करने की कोशिश की ओर कदम बढ़ा रहा है। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का विवाद दशक पुराना है। अब चीनी विदेश मंत्री किन किन ने फिलिस्तीन और इजरायल के अपने विरोधियों से कहा है कि ईरान और सऊदी अरब को कई वर्षों के बाद संबंध को फिर से एक साथ लाने में अपनी भूमिका के बाद बीजिंग उनके बीच शांति वार्ता के लिए तैयार है।
विदेश मंत्री किन ने फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकिकी और उनके इस्राइली समकक्ष एली कोहेन के साथ अलग-अलग फ़ोन कॉल पर बात की है। इस दौरान उन्होंने शांति वार्ता फिर से शुरू करने के कदम को लेकर भी चर्चा की है। आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार किन्हीं ने कहा है कि चीन इजरायल और फिलिस्तीन दोनों को राजनीतिक स्पष्टता दिखाता है और शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए उठाने के लिए प्रचार करता है और चीन इसके लिए निर्णय लेने को भी तैयार है।
किन ने कोहेन से कहा कि हर तरफ शांति और संयम बनाए रखना चाहिए और अत्यधिक और उत्तेजक शब्दों और कार्यों को बोलना चाहिए। मूल तरीका शांति वार्ता को फिर से शुरू करना और टू नेशन पर ध्यान देना चाहिए। किन ने मलिकी से कहा कि चीन मध्य पूर्वी देशों की रणनीतिक स्वायत्तता का समर्थन करता है और वो मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता में योगदान जारी रखने को तैयार है।