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पंचायत चुनाव में जनता ने सुनाया जनादेश, रानीगांव में कुशलाल और उमरगांव में अंजना बनीं सरपंच

UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, नगरी | त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में नगरी ब्लॉक में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। इस चरण में कुल 102 पंचायतों में से 12 पंचायतों में निर्विरोध सरपंच चुने गए, जबकि शेष 90 पंचायतों में कड़ी टक्कर देखने को मिली। गांवों में योग्य प्रत्याशियों और विकास के मुद्दे पर मतदाताओं ने अपनी पसंद जाहिर की।

रानीगांव में कुशलाल ने मारी बाजी, उमरगांव में अंजना की बड़ी जीत

ग्राम पंचायत रानीगांव में तीन प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से दो प्रत्याशियों के बीच कड़ा रहा। निर्दलीय प्रत्याशी के चुनावी समीकरण बिगाड़ने के चलते कुशलाल चतुर ने 26 वोटों से जीत दर्ज की। ग्रामीणों ने उन्हें बधाइयां दीं और गांव के विकास की उम्मीद जताई।

वहीं, ग्राम पंचायत उमरगांव में भी सरपंच पद के लिए तीन उम्मीदवारों के बीच चुनाव हुआ। यहां की निवासी अंजना ध्रुव ने 600 से अधिक वोटों के अंतर से शानदार जीत दर्ज की। जैसे ही चुनाव परिणाम आए, गांव में जश्न का माहौल छा गया।

युवा सरपंच पर ग्रामीणों ने जताया भरोसा, साकरा में नागेंद्र बने सरपंच

ग्राम पंचायत साकरा, जो जिले की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है, वहां ग्रामीणों ने युवा प्रत्याशी नागेंद्र बोरझा को सरपंच चुना। ग्रामीणों का मानना है कि युवा नेतृत्व से गांव में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी।

बोरई में रोचक मुकाबला, आठ प्रत्याशियों ने आजमाई किस्मत

जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत बोरई में सरपंच पद के लिए आठ उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। अंततः ग्राम बुडरा और माखन सलाम ने जीत हासिल की। यह गांव लंबे समय से विकास की राह देख रहा है, खासकर पुल निर्माण की मांग प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। अब नवनिर्वाचित सरपंच से ग्रामीणों को इस समस्या के समाधान की उम्मीद है।

बेलरबहारा में लगातार तीसरी बार नरेश माझी पर भरोसा

ग्राम पंचायत बेलरबहारा में ग्रामीणों ने एक बार फिर नरेश माझी को सरपंच चुनकर अपना विश्वास प्रकट किया। पहले कार्यकाल में नरेश माझी सरपंच थे, दूसरे कार्यकाल में उनकी पत्नी सरपंच बनीं, और अब तीसरे कार्यकाल में फिर से नरेश माझी सरपंच चुने गए

अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में निर्विरोध सरपंचों का चयन

नगरी ब्लॉक के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच चुनकर एकता और विकास पर भरोसा जताया

  • ग्राम पंचायत ठेन्ही में पूर्व सरपंच श्रीधन सोम की पत्नी को निर्विरोध सरपंच चुना गया, जबकि श्रीधन सोम को जनपद सदस्य बनाया गया।
  • रिसगांव क्षेत्र के करही पंचायत में भी वार्ड पंच और सरपंच निर्विरोध चुने गए, जहां बिरबल पद्माकर सरपंच बने
  • लखनपुरी पंचायत में महिला आदिवासी सीट के लिए आम सहमति से निर्विरोध सरपंच का चयन किया गया

गांव की सरकार बनाने में जनता ने पूरी जागरूकता दिखाई और विकास को प्राथमिकता देते हुए योग्य प्रत्याशियों का चयन किया। अब उम्मीद है कि नवनिर्वाचित सरपंच अपने वादों को पूरा करेंगे और गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास को गति

 


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