
शहर कांग्रेस में बगावत के सुर
बागों मे बहार है, दिल बेक़रार है
सच्चाई खुले आम स्वीकार है..
UNITED NEWS OF ASIA. बरसते मौसम मे पकौड़े का आनंद लेते हुए ये खबर पढ़िए और सोचिये क्या स्थिति है छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के क्षेत्र मे कांग्रेस पार्टी के नेताओं की.
गत दिनों हुए विधानसभा स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मे संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किये जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था की अब नगर पालिका सभापति का सोशल मीडिया मे बयान कांग्रेस पदाधिकारियों की उपेक्षा की कहानी बयान कर रहा है.
ताज़ा मामला आज जिले के चर्चित व्हाट्सप्प ग्रुप “कवर्धा जंक्शन” से जुडा है जिसमें शहर के एक नागरिक द्वारा स्थानीय गाँधी मैदान मे हो रहे कबाड़ी के दुकान को लेकर व्यवस्था सुधार की मांग की थी. जिस पर नगर पालिका के सभापति प्रमोद लुनिया ने चिंता जाहिर करते हुए इसे गलत करार दिया।

फिर जब एक अन्य कोंग्रेसी ने प्रमोद लुनिया से कहा आप खुद सभापति है तो कुछ करने को कहा तो प्रमोद लुनिया ने खुलेआम अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा की “कर पाता तो लिखता क्या भाई”
सोचिये निर्वाचित नगर पालिका पार्षद और सभापति का ऐसा बयान की वो कुछ भी कर पाने मे असमर्थ है किस तरह उनकी बेबसी को दर्शा रहा।

लगातार सोशल मीडिया मे चल रही बातें और बीजेपी के नेताओं को प्राथमिकता देने की खबरों से क्षुब्ध कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी अब खुलकर बयान दे रहे है. जिससे साफ झलकता है की आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले शहर कांग्रेस मे कोई बड़ी कलह या बगावत हो सकती है.
गौरतलब है की झंडा कांड के बाद से ही लगातार कवर्धा शहर मे कांग्रेस की मजबूती कम होती जा रही है, शहर कांग्रेस मे आज तक कार्यकारिणी का गठन न हो पाना भी बहुत कुछ इशारा कर रहा है.
खैर देखते है की इस मामले मे कद्दावर मंत्री विधानसभा चुनाव के पहले कुछ एक्शन लेकर सुधार करेंगे या फिर हवा हवाई चल रही शहर कांग्रेस 40 हजार वोट वाले कवर्धा शहर मे यु ही बेबसी से चुनाव लड़ेगी.
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