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पहलवानों के विरोध के मामले में डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को दिए गए जवाबों से गहरे विवाद की वजहें बताईं

दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के दिग्गज और मेडल विजेता पहलवानों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। मगर जिन मुद्दों को प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने उठाया है उनकी चर्चा भी हो रही है। इसी बीच भारतीय कुश्ती संघ ने झूठ पर कहा कि ये साजिश का हिस्सा है।

दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिनों तक चले प्रदर्शन में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में यौन उत्पीड़न को लेकर मानसिक प्रताड़ना किए जाने के आरोप भी शामिल हैं। इन भ्रम के साथ ही पहलवानों ने राष्ट्रपति के चक्कर की भी मांग की है। खेल मंत्रालय के लगातार प्रयासों के बाद ये धरना खत्म हो गया है लेकिन मामला अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं जिम्मेदारों द्वारा आरोपित झूठ की जांच के लिए सरकार ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।

WFI के अध्यक्ष ने आरोप लगाया

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न समेत सभी जेक को खारिज करते हुए कहा है कि खेल निकायों में ‘मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई शर्त नहीं है’। WFI ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा कि WFI का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा चलाया जाता है, ऐसे में WFI में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई भिन्न नहीं है।

इसमें कहा गया है कि WFI ने विशेष रूप से मौजूदा अध्यक्ष की निगरानी में हमेशा पहलवानों के सट्टेबाजों को ध्यान में रखते हुए काम किया है। उन्होंने कहा कि WFI ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती खेल की छवि को श्रृंखलाबद्ध किया है और इस मंत्रालय के रिकॉर्ड के लिए यह जरूरी है कि WFI की चमक, सहायक, स्वच्छ और सख्त प्रबंधन के बिना यह संभव नहीं है। बता दें कि विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया जैसे चर्चित पहलवानों पर आरोप लगाने के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा था।

महासंघ से दूर रहेंगे

जानकारी के अनुसार भारतीय ओलंपिक समिति द्वारा बनाई गई सात सदस्यीय समिति को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही बृजभूषण शरण सिंह पर झूठ की पुष्टि हो जाती है। वहीं ये भी कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक बृजभूषण शरण सिंह खुद को महासंघ से दूर कर लेंगे।

संघ ने खेल मंत्रालय को ये जानकारी दी

वहीं खेल मंत्रालय ने इस मामले में 72 घंटे के भीतर संघ से जवाब देने को कहा था। इसे लेकर यह भी स्पष्ट किया है कि संघ अपने संविधान के अनुसार कार्य करता है। अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य द्वारा संघ के कार्यों में मनमानी नहीं की जा सकती है।

कुश्ती महासंघ ने दावा किया कि तीसरी बार अध्यक्ष फिर जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह की पहचान में कई कीर्तिमान स्थापित हो गए हैं। महासंघ में भी यौन उत्पीड़न संबंधी मामले की शिकायत की सुनवाई करने के लिए समिति बनी है। इस समिति के पास यौन उत्पीड़न की शिकायत किसी की तरफ से नहीं दी गई है।

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