जगदलपुर। एक दिन पहले शहर के चार दुकानों में ताला तोड़कर करीब लाख की चोरी का मामला सामने आया था। मामले में एक बार फिर पुलिस को सिटी सर्विलांस सिस्टम का फायदा मिला है। पुलिस ने नगर में पहली बार कोतवाली से कोर्ट तक इन आरोपियों की सड़क में परेड करवाई है। इस ममाले में बस्तर पुलिस ने स्कैटलैंड यार्ड की तर्ज पर चौबीस घंटे के अंदर घटना को अंजाम देते हुए आप भाग रहे चार आरोपी राशिद, मो सलमान और जॉन मोहम्मद सभी निवासी शाहजामाल थाना किठौर जिला मेरठ उत्तर प्रदेश और हीशदेव सिंह निवासी ग्राम आलाखेडा थाना हसनपुर जिला अमरोहा उत्तर प्रदेश को धमतरी से दबोच लिया है। उनके व्यवसाय से मोबाइल सहित नगदी बरामद हुई है।
पुलिस की टीम ने धमतरी पहुंच चार आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे पेशेवर चोर गुट के सदस्य हैं। चोरी से पहले शहर में उन्होंने रेकी की थी और सेंट्रल लाक नहीं होने वाली दुकानों को चिन्हित किया था। इस बार चोरी में कम रकम हाथ लगने से वे धमतरी में रुककर दुबारा जैसा अंजाम देने के फिराक में थे। एक्शन में बोधघाट व कोतवाली थाने के स्टाफ की अहम भूमिका रही।
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घटना स्थल अवलोकन एवं अनुसंधान के दौरान सिटी सर्वेंस सिस्टम दृष्ट घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी से दृश्य और घटना स्थल पर मिले प्रमाण, पर्यटकों के दृष्टिकोण से भरी हुई गड़गड़ाहट, लॉकर, दस्तावेजी एवं तकनीकी संकेतों का विश्लेषण किया गया। । घटना स्थल पर परिस्थतिजन्य दृष्टिकोण के आधार पर पाया गया कि आरोपियो ने घटना के बाद आटो लेकर बस स्टैंड पर पहुंचे। फिर यहां से धमतरी के लिए निकले।
घटना की जानकारी देते हुए विभिन्न एसपी निवेदिता पाल ने बताया कि 15 मई की दरमियानी रात ठाकुर रोड सदर वार्ड संजय मार्केट, एसएस रेडर्स एवं सुपर मार्केट से अज्ञात चोरो के द्वारा दुकानों के संबंधित व लॉक ब्रेकर गली से नगदी राशि 12 जाेर, नगदी रकम मोबाइल दुकान सहित सैमसंग मोबाइल से 26 हजार रुपये के पार दिए गए थे। मामले में कोतवाली व ब्लॉकघाट पुलिस मामला दर्ज ही कारनामा हुआ।
एसएसपी जितेंद्र सिंह मीणा ने दोनों थानों से टीआई अमित शर्मा व दिलबाग सिंह के विवाद में विशेष टीम रहने के रवैये को पकड़ लिया। धमतरी साइबर सेल की मदद से चारो आरोपित धरे गए। मंगलवार की सुबह पुलिस लेकर उन्हें लौटा दें। शहर में लगातार तस्वीरें व चोरी के चार होने के बाद शहर में पहली बार पुलिस चोरों को थाने से कोर्ट तक वाहन में ले जाने की बजाय सड़क पर परेड करवाते हुए ले गए।