UNITED NEWS OF ASIA. जगदलपुर | जगदलपुर छत्तीसगढ़ में अबूझमाड़ मुठभेड़ में पुलिस फोर्स ने 303 राइफल बरामद की है। ये राइफल 33 साल पहले यानी 1991 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर लूटी थी। इस हमले में 10 जवान शहीद हुए थे जबकि 12 से ज्यादा जवान जख्मी थे। अब नारायणपुर SP प्रभात कुमार ने गन मिलने की पुष्टि की है।
पुलिस के मुताबिक, साल 1991 में गढ़चिरौली के तुमारगुंडा में माओवादियों लैंडमाइंस विस्फोट करने के वाद जवानों को एंबुश में भी फंसाया था। ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी। इसमें 10 जवानों ने अपनी शहादत दी थी वहीं 12 से ज्यादा जवान घायल थे। मौके से नक्सलियों ने जवानों की कुल 18 303 राइफल लूट ली थी।
12 दिसंबर को हुई थी मुठभेड़
वहीं 12 दिसंबर 2024 को दक्षिण अबूझमाड़ के कालाहाजा इलाके में जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में जवानों ने SZCM समेत 7 नक्सलियों को मार गिराया था। मौके से 303 अन्य हथियार बरामद किए थे। जिसके बाद नारायणपुर पुलिस हथियारों की हिस्ट्री खंगाल रही थी।
1991 में माओवादियों ने जवानों से लूटी थी
जिसमें से 303 राइफल जिसका बट नंबर 22676 और बॉडी नंबर 440 महाराष्ट्र गढ़चिरौली थाना भामरागढ़ का होना पाया गया है। जिसके पाद पुलिस ने जब और डिटेल निकाली तो पता चला कि 1991 में माओवादियों ने जवानों से लूटी थी।
2 नग 303 राइफल बरामद
नारायणपुर के SP प्रभात कुमार ने कहा कि इस मुठभेड़ में जवानों ने कुल 7 नक्सलियों को मार गिराया था। जिसमें एक पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मौके से 2 नग 303 राइफल बरामद हुई थी जिसमें एक राइफल 1991 में जवानों से लूटी हुई थी। बाकी हथियारों की भी पहचान की जा रही है।
4 नाबालिग भी हुए थे घायल
अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में 4 नाबालिगों को भी गोली लगी है। इसमें एक बच्ची की गर्दन में बुलेट फंसी है। बच्ची का इलाज रायपुर के DKS अस्पताल में चल रहा है। पुलिस का दावा है कि नक्सलियों ने बड़े लीडर्स को बचाने के लिए नाबालिगों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया।