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रायगढ़ में बीमार हाथी का इलाज, गुड़ और केला में मिलाकर दी जा रही दवा

UNITED NEWS OF ASIA. रायगढ़ | रायगढ़ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में एक बीमार हाथी विचरण कर रहा है, जो धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज के जंगल में है। इस हाथी के पेट के पास घाव व सामने के पैरों में सूजन है। ऐसे में इसका ईलाज किया जा रहा है और विभाग के द्वारा गुड़ व केला में दवा मिलाकर उसे खिलाया जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक 3 दिन पहले कोरबा वन मंडल की ओर से मांड नदी को पार कर एक बीमार हाथी छाल रेंज के बेहरामार जंगल में आया। जब इसकी जानकारी वन अमला को लगी, तो उस पर निगरानी करनी शुरू कर दी गई। कोरबा वन मंडल में इस हाथी को बीमारी से बचाने के लिए किसी तरह इसे दवा खिलाया जा रहा था।

ऐसे में वहां के पशु चिकित्सकों के सुझाव से छाल रेंज में भी उसे दवा दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गुड़ व केला में दवा को मिला दिया जाता है। इसके बाद उसे हाथी के सामने कुछ दूरी में रख दिया जाता है। तब हाथी धीरे धीरे केला और गुड़ तक पहुंचकर उसे खा लेता है। इस तरह उसका ईलाज विभाग द्वारा किया जा रहा है।

चलने में हो रही परेशानी बताया जा रहा है कि हाथी के सामने पैर में सूजन है और पहले पेट के पास चीरा लगाकर ईलाज किया गया था। ऐसे में उसे चलने में भी थोड़ी परेशानी है और धीरे धीरे वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा रहा है। हाथी मित्र दल, हाथी ट्रैकर व वन कर्मियों के द्वारा लगातार उस पर निगरानी की जा रही है।

पहले कोरबा वन मंडल में था छाल रेंज के प्रभारी रेंजर चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि नर हाथी है और उसकी उम्र लगभग 25 साल होगी। कुछ समय पहले यह हाथी कोरबा में था, लेकिन अब धरमजयगढ़ वन मंडल में उसके आने से उस पर नजर रखी जा रही है। अभी यह हाथी बेहरामार जंगल के कक्ष क्रंमाक 548 PF में है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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