
होली 2023: मध्य प्रदेश में होली को लेकर इंगेजर्स में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। होली खेलने को लेकर लोगो ने खास तैयारी भी की है। इसी के साथ इंदौर वन विभाग (इंदौर वन विभाग) ने भी हमेशा की तरह इस बार भी आपके शरीर को ध्यान में रखते हुए पलाश और नियमों के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार करवाए हैं, जिससे आपकी त्वचा पर गलत प्रभाव नहीं पड़ता है।
आजकल के शहरों में होली के मौके पर अलग-अलग केमिकल मिले रंग बिरंगी रंग और गुलाल बाजार में बेचे जाते हैं। इससे होली खेलने वाले को त्वचा की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से लोगों में जागरूकता भी आई है और वो प्राकृतिक गुलाल का उपयोग करने की ओर बड़े हैं। इन सभी चीजों को देखते हुए इंदौर वन विभाग हर साल विभिन्न फूलों से प्राकृतिक रंग और गुलाल बनवाता है।
वन समिति ने पौधारोपण किया
इस बार भी होली के त्योहार को देखते हुए वन विभाग ने इंदौर से सटे चोरल में वन समिति ने एक पौधा लगाया है। इसमें 100 से अधिक लोग मिलकर प्राकृतिक रंग और गुलाल को तैयार कर रहे हैं। साथ ही वो वन विभाग के इन रंग और गुलाल को स्टॉल में माध्यम से आम जनता तक पहुंचा रहे हैं। वहीं वन विभाग के लोगों को सचेत भी कर रहा है कि वो प्राकृतिक रंग और गुलाल का ही उपयोग करें। जिससे उनकी त्वचा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान ना हो।
5 क्विंटल गुलाल बनाया गया है
वन विभाग के डीएफओ नरेंद्र पांडवा ने बताया कि कॉमर्स में होली को लेकर तैयारी है। साथ ही साथ वन विभाग हमेशा की तरह इस बार भी पलाश और प्रमाणीकरण के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार करवा रहा है। होली पर हर साल वन विभाग में कई क्विंटल हर्बल गुलाल बनवाता है। इसी तरह इस साल भी 5 क्विंटल गुलाल बनाए गए हैं।
पिछले कुछ वर्षों से लगातार इन प्राकृतिक नृत्यों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं और इनका उपयोग कर रहे हैं। इसीलिए वन विभाग ने इस साल भी इन राक्स की बिक्री की है। इतना ही नहीं मंत्रालय से भी 200 पैकेट का ऑर्डर आया है। वहीं रनों की ऑनलाइन मांग ज्यादा है। इंदौर के अलावा अन्य लोगों से भी लोग इसकी मांग अधिक कर रहे हैं।













