झारखंड के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “गिरिडीह के देवरी पुलिस थाने में दो अधिकारियों ने संदेश भेजने वाले और एसके मंडल सहित छह लिपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है … उनमें से पांच को सस्पेंड कर दिया गया है।”
झारखंड ग्राहिडीह में पुलिस पर आरोप है कि उसके दस्तावेज़ के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के जूतों से कुचलकर एक नवजात शिशु की मौत हो गई। इस मामले को लेकर जहां एक ओर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार बनी है वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं। पूर्व बाबूलाल मरांडी ने यह मामला सामने आने के बाद इसकी जांच की मांग की है तो अभी तक इस मामले में छह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनमें से पांच को सस्पेंड कर दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि चार दिन के बच्चे के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में “तिल्ली (स्प्लीन) के फटने” का उल्लेख होने के बाद प्राथमिक प्रविष्टि की गई है। पुलिस अधिकारियों ने कहा, “गिरिडीह के देवरी पुलिस थाने में दो अधिकारी मैसेज रीडर और एसके मंडल ने नई-नई दिल्ली में छह प्राथमिकी दर्ज की है … उनमें से पांच को निलंबित कर दिया गया है।” उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की निगरानी में और डॉक्टरों की एक टीम के साथ उचित वीडियोग्राफी ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कथित घटना देवरी पुलिस थाने के तहत कोशोडिंघी गांव में बुधवार को हुई, जब धुंधले व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए एक घर में गए।
गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित रेणू ने कहा था, ”आरोप है कि अदालत ने दो गैर-जमानती वारंट जारी किए, अमल करते हुए जब पुलिस वहां पहुंची तो चार दिन के बच्चे की मौत हो गई।” एसपी ने कहा था। कि चार से पांच मृतक बच्चे के दादा भूषण पांडेय एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैर जमानती वारंट पर अमल किए गए थे। उन्होंने कहा था, “यदि कोई आरोप सही पाया गया तो मुठभेड़ को बख्शा नहीं जाएगा।”
हम आपको बताते हैं कि एक वीडियो प्रसारित होने के बाद हेमंत सोरेन ने भी इस घटना की जांच के आदेश दिए थे। इस वीडियो में पांडेय देर से यह दावा करते हुए दिख रहे हैं कि पुलिसवालों ने रात 3 बजकर 20 मिनट पर उनके घर पर छापा मारा और बल प्रयोग कर दरवाजा खोल दिया। मामले की जांच जारी है। दूसरी ओर, पूर्व बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि जी, गिरडीह जिले की पुलिस के दायरे में किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले को रफादफा नहीं किया जाना चाहिए और उच्चाधिकारियों की टीम तुरंत भेज दी जाएगी और कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। एक और ट्वीटर पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नवजात बच्चे को पुलिस बूट से कुचल कर मार देने वाले मूर्तिडीह जिले की देवरी थाने की दिल को दहलाने वाली पुलिस जुल्म की यह तस्वीर देखते हुए हेमंत सोरेन जी का खून क्यों नहीं खोल रहा? ये समझ से परे है।
उनका कहना है कि सतर्कताडीह जिला मुख्यालय से 33 किमी दूर घेरा गया है, लेकिन वहां के एसपी के पास 17 घंटे बाद तक इतनी लोमहर्षक घटना को खुद से देखने का समय नहीं मिला। सूचना देने के बाद भी उन्हें समय नहीं मिला। मरांडी ने कहा है कि पुलिस की “संवेदनहीनता” का फ़्लैग नमूना है। ऐसे एसपी को ज़िम्मा दिए जाने और उन पर ध्यान देने पर कौन गारंटी देगा? उन्होंने कहा कि क़ायदे से तो हेमंत जी आपको तो ऐसे एसपी को तुरंत मैसेज कर देश-दुनिया के संवेदना का संदेश आना चाहिए था। लेकिन मैं जानता हूं कि आप के बूट से बाहर है ये काम। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि जिस भाई-भाई के मारे जाने के मामले में पुलिस नवजात के दादा को गिरा दिया गया था, वो कोर्ट से ज़मानत पर हैं। मरांडी ने कहा कि तीन बजे रात में बिना महिला पुलिस के किसी परिवार वाले के घर में पुलिस के घुसने का कौन सा क़ानून है? उसे भी नहीं पता चला कि जो पकड़ा गया है वो तो ज़मानत पर है। उन्होंने कहा कि ऐसा जंगल राज तो ताले में भी नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि आप और थू-थू हो, कुछ छोटे-बड़े अफ़सरों पर कड़ी कारवाई करिये। आगे आपकी आसान।