
गणगौर पूजा 2023: जयपुर में आज श्रद्धाभाव से गणगौर पूजा की गई। जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने गणगौर पर्व पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं के साथ धूमधाम से मनाया। इस स्मारक पर मंगल गीत भी गाए गए। वे अमर सुहाग की कामना के लिए गणगौर और ईसर की पूजा अर्चना की। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।
डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि त्योहार हमें सकारात्मक ऊर्जा और आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। इसलिए त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। उन्होंने गणगौर पर्व का जयपुर सहित विशेष रूप से प्रदेश की महिलाओं को शुभकामनाएं और बधाई दी।
गणगौर के पर्व पर सरकारी छुट्टी
आज सरकार की तरफ से छुट्टी भी की गई। जयपुर में सुभाष चौक पर पर्व की शानदार तैयारी की जाती है। महिलाओं के सुबह से समूह में पूजा करती नजर आईं। राजस्थान में गणगौर प्रेम और परिवार सौहाद्र का पावन पर्व है। सूचनाओं का कहना है कि गणगौर दो शब्दों के मेल से बना है। गण का लेटर है शिव (ईसर) और गौर का अर्थ पार्वती होता है। शंकर-पार्वती को समर्पित गणगौर पर्व गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है।
सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखा
चैत्र नवरात्रि की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाने वाला गणगौर महिलाओं के लिए अखण्ड स्वरग्रहण का पर्व है। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए गणगौर व्रत करती हैं। गणगौर राजस्थान का प्रमुख पर्व हो गया है। राजस्थान में गणगौर पर्व की धार्मिक मान्यताएं हैं। बिग धूम-धाम से त्योहार मनाया जाता है। आज के दिन गणगौर की पूजा की जाती है।
लड़कियां और महिलाएं शंकर-पार्वती की पूजा करती हैं। गणगौर पर्व का संबंध भगवान शंकर और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर्व की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है। पर्व की महीने भर से पहले तैयारी शुरू होने की संभावना है।
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