छत्तीसगढ़बिलासपुर

छत्तीसगढ़ में पुलिस अफसरों से जुड़े गांजा तस्करों के तार:GRP के 4 आरक्षक फंसे, क्राइम ब्रांच के भी कई कॉन्स्टेबल रडार में

UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस के बड़े अफसरों के संरक्षण में गांजा तस्करी कराने का आरोप लगा है। इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। आरोपों की जांच के बाद गांजा अफरातफरी करने के मामले में बिलासपुर रेंज साइबर पुलिस ने GRP के चार आरक्षकों को पकड़ा है।

हालांकि, बड़े अफसरों का नाम सामने आने के बाद पुलिस अफसरों की भी नींद उड़ गई है। अधिकारिक रूप से पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। इसमें बिलासपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षकों की भी मिलीभगत होने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि तस्करों से गांजा जब्त करने के बाद उसे नशे का कारोबार करने वालों के पास सप्लाई किया जाता था।

ट्रेनों में गांजा तस्करी रोकने बनाई थी टीम

दरअसल, ट्रेनों में गांजा तस्करी रोकने के लिए क्राइम ब्रांच की तर्ज पर राज्य रेलवे सुरक्षा बल GRP में एंटी क्राइम टीम गठित किया गया है। इसमें बिलासपुर GRP के चार आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति के साथ ही इंद्रजीत बघेल और राजा दुबे को शामिल किया गया था।

बाद में राजा दुबे और प्रधान आरक्षक इंद्रजीत बघेल का ट्रांसफर कर दिया गया। इस बीच आईजी को शिकायत मिली कि बड़े अफसरों के संरक्षण में जीआरपी के एंटी क्राइम टीम के आरक्षक गांजा की अफरातफरी करते हैं।

IG के निर्देश पर शुरू हुई जांच, आरक्षक समेत चार पकड़ाए

बताया जा रहा है कि IG तक इसकी शिकायत पहुंचने के बाद पुलिस मुख्यालय को इसकी जानकारी दी गई, जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि बीते 24 अक्टूबर को ही GRP ने गांजा का बड़ा खेप पकड़ा था, जिसमें मध्यप्रदेश के जबलपुर और उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के युवक को गिरफ्तार किया गया था।

उनके पास से केवल 10-10 किलो गांजा की जब्ती बनाई गई। बाकी के गांजा को GRP की टीम ने दूसरे तस्करों के माध्यम से अफरातफरी कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने GRP के आरक्षकों को भी पकड़ा है। हालांकि, पुलिस इस मामले में अभी कुछ भी बताने से मना कर रही है। दावा किया जा रहा है कि शीघ्र ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

पुराने रिकार्ड भी खंगाल रही पुलिस बताया जा रहा है कि टीम अब जीआरपी के आरक्षकों की पुराने रिकार्ड भी खंगाल रही है। पुलिस को कोरबा समेत अन्य जिलों में गांजा व मादक पदार्थों की अफरा-तफरी के कुछ मामले भी सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि कुछ आरक्षक पहले भी नशे का सामान के साथ पकड़े गए थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

जमानत पर छूटने के बाद वो फिर से नौकरी में वापस आ गए और अवैध कारोबार करने लगे।

ACCU के नोडल अफसर को पता नहीं

मामले की जानकारी लेने के लिए पुलिस की रेंज साइबर थाना और एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट (ACCU) के नोडल अधिकारी अनुज कुमार से संपर्क किया गया। उन्होंने इस मामले में कुछ भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। जब टीम के सदस्यों द्वारा आरक्षकों को सिविल लाइन थाने में पूछताछ करने की जानकारी दी गई, तब उन्होंने इसकी जानकारी जुटाने की बात कही।

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page