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Chhattisgarh में कुत्तों ने अबतक सवा लाख लोगों को काटा: 1 साल के अंदर 3 लोगों ने गवाएँ अपने जान  

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में 1 लाख 19 हजार 928 लोगों को कुत्तों ने काटा है। इनमें से 3 लोगों की जान भी गई है। बढ़ते डॉग बाइट की घटनाओं पर मानव अधिकार आयोग ने खुद संज्ञान लिया है। रायपुर नगर निगम समेत सभी जिलों के नगरीय निकाय को आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण की 15 दिनों में जानकारी मांगी है।

छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिधारी नायक ने बताया कि, पूरे देश में कुत्तों के काटने से 286 मौतें हुई हैं। इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों के काटने की घटना मानव जीवन के लिए संकट और भयावह स्थिति को बताता है। यह एक महामारी के रूप में है।

रायपुर में सबसे अधिक कुत्ते काटने की घटना

मानव आयोग के मुताबिक, प्रदेश में सबसे अधिक रायपुर में 15 हजार 953 डॉग बाइट की घटनाएं हुई हैं। वहीं कोरबा में 1, बलौदाबाजार में 1 और राजनांदगांव में 1 मौत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिधारी नायक कहा कि, यह बेहत घातक है। कई जगह तड़के सुबह या देर रात में लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे। कुत्तों के काटने से मानव अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं।

कुत्ते के काटने पर कार्रवाई के लिए क्या करें?

विशेष लोक अभियोजक विनोद भारत से दैनिक भास्कर ने कानूनी कार्रवाई को लेकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि, डॉग बाइट केस में सबसे पहले यह जानिए कि कुत्ता पालतू है या आवारा। अगर पालतू कुत्ता काटता है तो पुलिस थाने में भी शिकायत की जा सकती है। कुत्ते के मालिक के खिलाफ पालतू जीव को ध्यान से नहीं रखने के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।

विनोद भारत ने बताया कि, डॉग बाइट में चोट के हिसाब से सजा हो सकती है। इसमें गंभीर चोट में 7 साल तक की भी सजा हो सकती है। वहीं अगर अगर आवारा कुत्ते काटते हैं या क्षेत्र में कुत्तों का आतंक है तो नगर निगम निदान 1100 में कॉल कर सकते हैं। वही नगर निगम के हेड ऑफिस या जोन ऑफिस में भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा निगम के खिलाफ भी शिकायत हो सकती है।

रायपुर में 2 पिटबुल डॉग के डिलीवरी बॉय पर हमला करने के केस में मालिक अक्षय राव की गिरफ्तारी भी हुई थी। हालांकि कुछ समय बाद उसे जमानत मिल गई। पिटबुल केस में धारा 291 बीएनएस के तहत FIR हुई थी। इस धारा के मुताबिक, जानबूझकर या लापरवाही से किसी भी पालतू जानवर के साथ ऐसे उपाय करने से चूक जाता है जो मानव जीवन के लिए खतरा हो तो कारावास से दंडित किया जाएगा।

आयोग ने निकायों से मांगी जानकारी

गिरिधारी नायक ने कहा कि, लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है। इसके रोकथाम के लिए नगर निगम को एक्शन लेने की जरूरत है। आयोग ने प्रदेश के सभी नगर निगमों से जानकारी मांगी है कि कितने आवारा कुत्तों को पकड़ा, कितनों की नसबंदी की, कितने कुत्तों को एंटी रैबीज टीका लगवाया और आवारा कुत्तों के व्यवस्थापन के लिए क्या काम किए गए हैं?

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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