
मंत्रालय की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पिछले दिनों ओटीटी पर ‘विक्रांत रोना’ और ‘सास, बहू और फ्लेमिंगो’ जैसी सीरीज रिलीज हुई है। इतना ही नहीं, इन सब से पहले ‘सेक्रेड गेम्स’, ‘तांडव’ और ‘मिर्जापुर’ को लेकर ‘ए सूटेबल ब्वॉय’ जैसे शोज के प्रचार के खिलाफ शॉप भी सामने आए हैं। मुंबई में फिक्की फ्रेम्स 2023 में ‘डिजिटल मीडिया: टेकिंग स्टोक ऑफ सेल्फ रेगुएशन’ पर चर्चा के दौरान विक्रम सहाय पैनलिस्ट के तौर पर मौजूद थे।
’22 महीने में ओट्टी कॉन्टेंट के ख़िलाफ को 13 दलाल मिले’
प्रोड्यूसर मधुर भोजवानी, शिकायत निवारण बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने दो साल तक बोर्ड का हिस्सा बनने के अपने अनुभव के बारे में बताया। उनका कहना है, ‘मुझे लगता है कि 2021 में, जब आचार संहिता वाला दस्तावेज़ जारी किया गया था, तब कई लोगों को इस पर घबराहट हुई थी। लेकिन मुझे लगता है कि मेकर्स कम्युनिटी से इसे बहुत अच्छी तरह से लिया है। जब आईआईएम (इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने मुझे बोर्ड में शामिल किया तो मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे यह जानने का मौका मिला कि लोग जो स्मोक कर रहे हैं, वह क्या हैं।’
विज्ञापन के बारे में बात करते हुए भोजवानी कहते हैं, ‘पिछले 22 महीनों में केवल 13 ही स्कमेल आए हैं। मंत्रालय की सलाह पर दो समीक्षाएं हुई हैं। मुझे लगता है कि 2021 से पहले दुर्घटनाएँ और विशिष्टताएँ थीं, उनमें से कई अनजाने में दायर किए जा रहे थे। उस समय रचनाकारों के बीच काफी चिंता थी, लेकिन 2021 के बाद एक बार जब यह दिशानिर्देश अधिनियम लागू हो गए, तो एक फिल्टर बन गया। आने वाला समाधान भी किया जा रहा है। जब पहले लेवल पर शिकायतों का समाधान और सुधार नहीं होता है, तो वह हमारे पास लेवल में आता है।’
‘लोगों के पास शॉप हैं, तो उनके पास अब एक फोटो है’
सीबीआई मिनिस्ट्री के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय कहते हैं, ‘जब सेल्फ रेगुलेशन के ट्रिगर की शुरुआत हुई, तो यह स्पष्ट नहीं था कि क्या करना है, क्योंकि ओटीटी का प्लेटफॉर्म अलग है। हम यहां दूसरे के विचार से जूझ रहे थे और हमारे पास कई विकल्प थे। कुछ लोगों ने कहा कि ओटीटी पर आने वाली फिल्मों को पहले से सर्टिफाइड होना चाहिए। हमारे पास एक सिंगापुर मॉडल भी था, जहां उनके पास डिजिटल मीडिया तस्वीर है। हमारे पास ऑस्ट्रेलिया का एक ई-कमीशन मॉडल भी था। हमने उन सभी विकल्पों पर ध्यान दिया है और कहा है कि नहीं, सरकार को सड़क और वेब सीरीज के लिए बहुत सारी गारंटी और विश्वास है। उस विश्वास के साथ हमने संभावनाओं के समाधान के लिए एक मजबूत स्ट्रक्चर बनाया। ताकि अगर आम लोगों को कोई शिकायत है तो उनके पास एक फोटो है।’
तीन स्तरों पर होता है शिकायतों का समाधान
आज, ओट्टी सामग्री को लेकर शिकायतों का समाधान आज तीन स्तरों पर होता है। यहां शिकायत निवारण अधिकारी और स्व-नियमन निकाय हैं, जबकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय में याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक अंतर-विभाग समिति है। अधिकिकतर ओटीटी प्लेटफॉर्म या तो IAMAI DPCGC (इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया – डिजिटल पब्लिशर कॉन्टेंट ग्रीवेंस काउंसिल) या DMCRC (डिजिटल मीडिया कॉन्टेंट रेग्युलेटरी काउंसिल) के साथ रजिस्टर्ड हैं।
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