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भारत से संबंध सुधारना चाहते थे इमरान खान, अपने कार्यकाल में इन कारणों को बताया बाधक

पूर्व पाक पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: फ़ाइल
पूर्व पाक पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंधों में सुधार करना चाहते थे, लेकिन कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना इसमें ‘बाधक’ बन गया। क्रिकेटर से नेता बने 70 साल के इमरान खान ने यह भी कहा कि संलग्न सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बजाज का भारत के साथ बेहतर संबंधों को लेकर और भी झुक गया था।

‘भारत पहले अपने जजमेंट को पलटे और शांति वार्ता करें’

इमरान खान ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत पहले अपने जजमेंट को पलटे और शांति वार्ता करे। मीडिया निरीक्षक ने जब खान से पूछा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत के प्रति फॉरेन पार्टनर कौन तय कर रहा था, वह या फिर जनरल बजाज, इस पर उन्होंने जवाब दिया, ”मैं बॉस था मैं फॉरेन पार्टनरशिप निर्धारित कर रहा था। हालांकि, बताएं। मैं आपको बताता हूं कि जनरल बजाज भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के हिसाब से थे।”

पीएम मोदी को लेकर कही थी ये बात

पूर्व पीएम इमरान खान ने हाल में कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान उनके पास शक्ति नहीं थी, क्योंकि जनरल बजाज वह शख्स थे, जो जजमेंट ले रहे थे। यह याद है कि वे भारत में चुनाव से पहले व्यक्ति की इच्छा रखते थे कि नरेंद्र मोदी जीतें क्योंकि वह कश्मीर के मुद्दों को हल करेंगे, खान ने कहा, ” मुझे अभी भी विश्वास है कि दक्षिणपंथी पार्टी का नेता ही संघर्ष को हल कर सकता हूं । मोदी दक्षिणपंथी पार्टी से हैं, इसलिए मैं चाहता था कि वह सत्ता में लौटें और कश्मीर के मुद्दों को हल करें।’

‘स्पेशल स्टेटस खत्म करने के बाद भारत ने बातचीत पर जोर नहीं दिया’

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान ने कहा, ”मैं अपने आठ साल के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंध सुधारना चाहता था, लेकिन आरएसएस की विचारधारा और (जम्मू कश्मीर के) विशेष स्थिति को खत्म करना इसमें शामिल था बाधक बन गए।” पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि भारत द्वारा 2019 में कश्मीर का विशेष स्तर खत्म करने के बाद उनकी सरकार ने बातचीत पर जोर नहीं दिया।

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