
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जमकर जज और मुकदमे में पेश नहीं होने के मामले में खान के खिलाफ आरोपण को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चुनौती दी।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान तोशाखाना मामले में मंगलवार को चौदह बार की एक अदालत में पेश नहीं हुए। वहीं, अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। पूर्व प्रधान मंत्री के वकील अफजल मारवात ने अदालत में पेश किया और कहा कि 70 वर्षीय खान वजीराबाद हमले के बाद अस्वास्थ्यकर हैं और आने में अक्षम हैं। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जमकर जज और मुकदमे में पेश नहीं होने के मामले में खान के खिलाफ आरोपण को उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चुनौती दी।
मारवात ने कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए अगले हफ्ते कोई तारीख देने का अनुरोध किया और कहा कि खान एक दो दिन में ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ देंगे। खान ने मंगलवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार की ओर से निंदा की और कहा कि उनके खिलाफ अब तक कुल 76 कानूनी मामलों के पीछे यही सरकार है। उन्होंने ट्वीट किया, ”जब बुद्धि, नैतिकता और आचार से विहीन लोगों द्वारा अपराधियों के समूह को किसी देश पर थोप दिया जाता है, तो ऐसा ही होता है।” पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के लिए अगले सप्ताह जिला अदालत में पेश करना आसान होगा।
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के वकील ने नौ मार्च तक कार्रवाई जारी रखने का अनुरोध किया था, जिसका पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता मोहसिन शाहनवाज रांझा ने समर्थन किया और कहा कि खान को उस तारीख को अधिकृत उच्च न्यायालय में पेश करना होगा। रांझा ने दोहराया, ”कोर्टइमरान खान नौ मार्च को कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारी जरूर पेश होंगे। रांझा ने अदालत से अनुरोध किया कि खान के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने पूछा कि क्या किसी नागरिक अदालत ने भी पेश होने से इस तरह की राहत दी है।
उन्होंने कहा, ”इमरान खान कोर्ट में तभी पेश होते हैं, जब वह ऐसा करना चाहते हैं।” कोर्ट ने कहा कि मामला कानून के मुताबिक चलेगा। खान (70) पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तो शाखाओं से कम दाम पर खरीदें और सौदे के लिए बेचने के आरोप हैं। कोर्ट के जज ने 28 फरवरी को खान के खिलाफ चार्जशीट जारी की थी और सुनवाई सात मार्च तक स्थगित कर दी थी।
करोड़ा पुलिस का एक दल पांच मार्च को अदालत का समन लाहौर लेकर स्थित खान के आवास में पहुंच गया। हालांकि, पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। झारखंड पुलिस ने अलग से एक मामले में सोमवार को, तोशाखाना मामले में खान के खिलाफ न्यायिक आदेश को लागू करने से कानून लागू करने वाली एजेंसी के अधिकारियों को रोकने के लिए खान और उनकी पार्टी के 150 मामले में मुकदमा दर्ज किया।
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