छत्तीसगढ़

अवैध खदान हादसा: दो ग्रामीणों की मौत, पांच दिन बाद खुलासा, राजनीतिक साजिश की आशंका

UNITED NEWS OF ASIA. मनेंद्रगढ़। अवैध खदान में कोयला निकालते समय मिट्टी धंसने से दो ग्रामीणों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पांच दिन बाद सामने आई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और रविवार सुबह से पुलिस ने शवों को निकालने के लिए खुदाई शुरू की।

घटना का विवरण

मनेंद्रगढ़ से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत घुटरा में यह घटना घटी। इस क्षेत्र में धनोटी नदी के पास वर्षों से अवैध रूप से कोयला खनन किया जा रहा था। 25 मार्च को फाटपानी निवासी इंद्रपाल अगरिया (20 वर्ष) और राजेश अगरिया कोयला निकालने गए थे, तभी अचानक मिट्टी धंस गई और दोनों दब गए।

परिजनों को चार दिन बाद हुआ संदेह

जब चार दिन तक दोनों घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। पांचवें दिन जब वे अवैध खनन स्थल पहुंचे, तो वहां चप्पल और टिफिन मिलने से संदेह गहराया। तुरंत कोतवाली में सूचना दी गई, जिसके बाद रविवार सुबह से पुलिस की मौजूदगी में खुदाई कर शव निकालने का प्रयास शुरू हुआ।

राजनीतिक संबंधों की चर्चा

सूत्रों के अनुसार, इस अवैध खनन में माफियाओं की संलिप्तता लंबे समय से बनी हुई थी। ग्रामीणों को मामूली पैसों का लालच देकर खतरनाक खनन कार्य करवाया जाता था। अब यह दावा किया जा रहा है कि मृतकों को सत्ताधारी दल के एक नेता के इशारे पर काम में लगाया गया था। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस इस अवैध खनन से अनजान नहीं थे, लेकिन अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस अवैध गतिविधि को किसके संरक्षण में चलाया जा रहा था और क्या दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी?

अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और दोषियों को न्याय के कठघरे तक पहुंचाया जाता है या नहीं।

 

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