














UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। राज्य सरकार ने फ्लाई ऐश डंपिंग को लेकर सख्त कदम उठाते हुए 15 अप्रैल से जीपीएस ट्रैकिंग और जियो टैगिंग सिस्टम को अनिवार्य करने का फैसला किया है। पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इस निर्णय से फ्लाई ऐश के अवैध परिवहन और डंपिंग पर लगाम लगेगी, जिससे पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।
मंत्री चौधरी ने कहा कि फ्लाई ऐश से भरे वाहनों की अब डिजिटल निगरानी होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे केवल निर्धारित डंपिंग स्थलों पर ही फ्लाई ऐश का निस्तारण करें। सरकार का यह कड़ा रुख उन कंपनियों और ट्रांसपोर्टर्स के खिलाफ है, जो औद्योगिक कचरे को नदियों, खेतों और आबादी वाले क्षेत्रों में फेंककर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
फ्लाई ऐश डंपिंग को लेकर लंबे समय से पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों की शिकायतें आ रही थीं कि इसे अनियंत्रित तरीके से नदी किनारे और खुले क्षेत्रों में डंप किया जा रहा है, जिससे मिट्टी और जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। जीपीएस ट्रैकिंग लागू होने के बाद अब सरकार हर वाहन की लाइव मॉनिटरिंग करेगी, जिससे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई संभव होगी।
पर्यावरण मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जो कंपनियां और ट्रांसपोर्टर नए नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, औद्योगिक इकाइयों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वे फ्लाई ऐश को सुरक्षित और नियमानुसार डंप करें ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 अप्रैल से बिना जीपीएस ट्रैकिंग और जियो टैगिंग के कोई भी वाहन फ्लाई ऐश परिवहन नहीं कर सकेगा। इस नई व्यवस्था से छत्तीसगढ़ को एक पर्यावरण-अनुकूल राज्य बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा।
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