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दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में रहते हैं तो इस बड़ी मुसीबत के लिए तैयार हो जाएं, लदान महीने तक दूर यह रास्ता। आश्रम रोड फ्लाईओवर 45 दिनों के लिए बंद रहेगा, दिल्ली, नोएडा और गाजियाब के लोग

इस रास्ते पर 45 दिनों तक काम करेगा।- India TV Hindi

इस रास्ते पर 45 दिन तक काम करेगा।

यदि आप दिल्ली, नोएडा या फिर गाजियाबाद में रहते हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है। लगभग 45 दिन में आपको यह समस्या रोज समझ आएगी। ऑफिस आने-जाने वाले लोग हों या स्कूल जाने वाले बच्चे सभी को कम से कम 45 दिनों तक भारी जाम जीतना आएंगे। यानी ये समझ से जुड़ा है कि अगर आप इस रास्ते से रोज आते-जाते हैं तो अब आपको अपने घर से समय से कुछ देर पहले ही दिखाएंगे।

दरअसल, अगले हफ्ते से आवास से जुड़े लोगों का काम पीडब्ल्यूडी शुरू करने जा रहा है। दोनों कैरिजवे को रेक दिया जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पीडब्ल्यूडी को अस्थाई रूप से फ्लाईओवर को बंद करने की अनुमति दे दी है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने हमें फ्लाईओवर बंद करने की अनुमित दे दी है। 25 से 31 दिसंबर के बीच कभी भी फ्लाईओवर को बंद किया जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस ने इसके लिए 45 दिन का समय दिया है। मतलब फैलाओवर का चौड़ाकरण होने में 2023 के फरवरी में दूसरे हफ्ते तक का समय लग सकता है। पीक ऑवर्स के दौरान इस फ्लाईओवर से रोजाना लगभग 3-4 लाख का अनुमान लगाया जाता है। ऐसे में झटकेओवर के बंद होने से बाराडौल फ्लाइनओवर, कालिंदी कुंज, मूरत रोड और आईटीओ पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाएगा। लोगों को इस समस्या से थोड़ी राहत देने के लिए ट्रैफ़िक पुलिस फिसलन भरी सड़कों पर आंदोलन की अनुमति दे सकती है।

प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लोग काफी हद तक पसंद करेंगे

इस परियोजना के पूरा होने के बाद लोगों को आवागमन के लिए पर्याप्त सुविधा मिल जाएगी। इस परियोजना का निर्माण 128.25 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। इसमें 1.42 किलोमीटर लंबा छह लेन का फ्लीओवर बन रहा है। उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा आराम होगा जो मूलचंद फ्लीओवर से नोएडा के रजनीगंधा चौक वाले रास्ते से आते-जाते हैं। मतलब मूलचंद फ्लाइओवर से नोएडा के रजनीगंधा चौक तक 9 किलोमीटर लंबा स्ट्रेच सिंगल-फ्री हो जाएगा। वहीं किलोकरी से बस 100 मीटर दूर यू-टर्न लेकर रोड क्रॉस कर सदस्यता लें। और तो और नोएडा, आईटीओ और गाजियाबाद जाने के लिए जो यू-टर्न महारानी बाग से सराय काले खां के बीच एक किलोमीटर की दूरी पर मिलता है, अब वह दूरी आपके लिए कम हो जाएगी।

क्या-क्या विस्फ़ोटक होंगे

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि दुर्घटना ग्रस्त लोगों में सबसे ज्यादा ज्यादा चलने वाले रास्ते हैं और पीक ऑवर्स में तो हमेशा ही जैम रहता है। ऐसे में जब यह फ्लाईओवर बंद हो जाएगा तो ट्रैफिक का सारा दबाव बारापूला फ्लाइनओवर, कालिंदी कुंज, मुथ रोड और आईटीओ पर जाएगा। इस रास्ते से सभी भारी वाहन संपर्क हैं। डीटीसी बसों से तो यह रास्ता रहता है। जब नोट्री हटाई जाती है तो ट्रक भी इसी तरह से संचार करते हैं। लोगों को 45 दिन की यह परेशानी बहुत रुलाने वाली है। ऐसे में कई लोग रोडवे से निकलकर मेट्रो में यात्रा नहीं कर पाते हैं। इससे मेट्रो में भी काफी भीड़ होगी।

कैसे ट्रैफिक पुलिस

दिल्ली जैसी जगह जहां पर पहले से ही यहां पर इस शहर की क्षमता से ज्यादा लोग रहते हैं। तो हर जगह जाम लगना तो बहुत ही नॉर्मल सी बात है। ऐसे में आस-पास के जालों पर बंद होने से ट्रैफिक पुलिस के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि वे संपर्क एजेंसी से संपर्क कर रहे हैं। ट्रैफ़िक फ़्लो को आसान बनाने के लिए हर कदम पर चर्चा हो रही है। वहीं लोगों को फिसलन वाली सड़कों से बने रहने की अनुमती बनी रहेगी। हालांकि दिल्‍ली सरकार ने यही साल पुराना चौक पर अंडरपास पूरा किया है। ट्रैफिक पुलिस ने अजीब फ्लिओवर के दोनों तरफ तैरने की री-कारपेटिंग का सुझाव दिया है, जो काफी महत्वपूर्ण स्मूड हो सकता है। इसके अलावा कुछ और उपायों पर भी ट्रैफिक पुलिस सोच रही है।

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