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अगर आप कोई मसाला मास एंटरटेनमेंट नहीं देख पा रहे हैं तो रवि तेजा धमाका देखें

‘धमाका’ फिल्म समीक्षा: मास महाराजा के नाम से प्रसिद्द तेलुगू अभिनेता रवि तेजा की फिल्में मास इंटरटेनर होती हैं और बॉक्स ऑफिस पर धमाका करती रहती हैं। महेश बाबू और सूर्य तेजा दो ऐसे अभिनेता हैं जो किसी दिन फिल्म का हिंदी रीमेक देर से ही सही बनते हैं। रवि तेजा की जिन फिल्मों को हिंदी में बनाया गया है उनमें प्रमुख हैं। एसएसमौली की फिल्म विक्रमारकुडु (राउडी राठौर), किक (किक), रवि तेजा की कॉमेडी टाइमिंग, डायलॉग्स गुस्से और एक्शन के दीवानों की कमी नहीं है और इसलिए उनके ज्यादातर निर्देशन में उनकी एक से ज्यादा फिल्में बनी हैं।

उनकी नई फिल्म धमाका ने बॉक्स ऑफिस पर काफी धमाका किया और अब लगातार उपलब्ध है। मास महाराजा की मास फिल्म है। देख डालिए। अभी तेलुगू में है, हिंदी डब भी जल्द ही आने वाला है।

इस फिल्म में रवि तेजा का नाम विवेक आनंद चक्र है। लेकिन वो डबल रोल में हैं. उनका दूसरा अवतार स्वामी है। पहला बड़ा बिजनेस टाइकून का बेटा और उत्तराधिकारी है, तो दूसरा एक साधारण परिवार में जन्मा आम आदमी है। बिजनेस टाइकून मरने वाला है और वो अपनी संपत्ति अपने बेटे को सौंप कर मरना चाहता है लेकिन एक अदद विलन उनकी राह में अटका रहा है। विवेक आनंद और स्वामी के भ्रम से जूझते हुए विलन को उसकी पहली सजा मिलती है और कहानी की खुशी-खुशी खत्म हो जाती है। इस कहानी के बीच में एक रोमांस भी है, 5 गाने हैं, 5 गाने हैं, हाफ-अन-एक्शन कॉमेडी सीन और कुछ बेहतरीन स्टंट भी शामिल हैं।

सूर्य तेजा वही कर रहे हैं जो उन्हें प्राप्त है। पूरी तरह से फिल्म के हीरो बनने में। आते ही मोटरसाइकिल के सायलेंसर से गुंडों की धुनाई कर देते हैं वो भी मजाकिया अंदाज में। इस तरह की एक्शन कॉमेडी में हिंदी में या तो अक्षय कुमार जमते हैं या फिर सलमान खान। सूर्य तेजा की आकांक्षा नहीं होनी चाहिए क्योंकि फिल्म में लॉजिक से परे स्टंट होते हैं लेकिन वो बड़े ही कन्विक्शन के साथ चलते जाते हैं। फिल्म की खूबसूरत हीरोइन श्रीलीला असल जिंदगी में डॉक्टर बन रही हैं।

उनकी मां भी डॉक्टर हैं। श्रीलीला का अंदाज दक्षिण भारत की हीरोइनों की तरह ही है। उन्हें हीरो के साथ अच्छा डांस करना है, गाने, गाने और रोमांटिक/इमोशनल सीन करने हैं। श्रीलीला का स्क्रीन प्रेजेंस अच्छा है और इस कारण से उन्हें और फिल्में मिलाते हैं। धमाका हिट हो चुकी है इसलिए उनका करियर भी नहीं चलेगा। बाकी कलाकार भी अच्छी भूमिका में हैं जैसे कि सॅरीन खेडेकर, तनिकेला भरणी, जयराम, राव मेश। अल्लू अर्जुन की फिल्म “अला वैकुंठपुरामालू” में भी इनमें से ज्यादातर कलाकार मौजूद थे इसलिए कभी-कभी भ्रम हो जाता है।

फिल्म में 5 गाने हैं और सभी के सभी सुपरहिट हैं। मास और वाट्स हैपनिंग की तो धुनें भी जबरदस्त हैं, बिल्कुल सूर्य तेजा के मिजाज की। दो चार सीन छोड़ें तो फिल्म लगातार गतिमान रहती है, कहीं झोल नहीं चौराहों। सिनेमेटोग्राफर कार्तिक का काम लाजवाब कहा जा सकता है। कमर्शियल फिल्म होने के बावजूद, फिल्म में लाइटिंग का संतुलन बना रहता है। एक पल के लिए भी फिल्म में कहीं कोई रंग ऐसा नहीं दिखता जो फिल्म की खुशी को कम कर दे।

ऑफिस के अंदर सीन में भी अच्छी लाइटिंग लगाई गई है। निर्धारण प्रवीण पुण्डी ने भी फिल्म की गति को सही संतुलन के साथ रखा है। एक्शन सीक्वेंस बीच में आने के बावजूद फिल्म की गति को नियंत्रित रखते हैं, धीमी नहीं होने देते। धमाका एक मसाला फिल्म है। यह वास्तव में आशा के साथ मत देखिएगा। ये असल में एक इंटरटेनर है। जरूर मिलेगा।

विस्तृत रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

टैग: छवि समीक्षा, रवि तेजा

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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