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ताइवान पर चढ़ा ड्रैगन तो अमेरिका और जापान बन जाएगा चीन का काल ताइवान पर ड्रैगन चला गया …तो अमेरिका और जापान चीन के काल में बनेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ जापान के पीएम फुमियो किशिदा (फाइल)- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: फ़ाइल
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ जापान के पीएम फुमियो किशिदा (फाइल)

यूएस-जापान गठबंधन: चीन की विस्तारवादी नीति सिर्फ ताइवान और भारत के लिए ही नहीं, बल्कि जापान के लिए भी खतरा बन रही है। जापान अभी से सतर्क हो गया है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से शांत अवस्था में जापान पहली बार हरकत में आ रहा है। इसकी वजह से चीन की जापान की समुद्री सीमा में दखलंदाजी और उसकी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए लगातार खतरा पैदा हो रहा है। अमेरिका सहित अन्य देशों को यह आशंका है कि चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए उस पर हमला कर सकता है। वह जापान की संप्रभुता को भी चुनौती दे रहा है। अब जापान और अमेरिका सबसे अधिक ताकतवर गठबंधन बना रहे हैं। इसके तहत अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया या फिर जापान की संप्रभुता के लिए खतरा बना तो उसकी विशेषता नहीं होगी।

चीन से बढ़ते खतरों को देखते हुए जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा यूरोप और ब्रिटेन के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत कर रहे हैं और वाशिंगटन में एक शिखर सम्मेलन में जापान-अमेरिका गठबंधन के महत्व को रेखांकन करने के लिए सोमवार से एक सप्ताह लंबी यात्रा शुरू कर रहे हैं। किशिदा की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब (विश्व) युद्ध के बाद अपनाए गए संयम से अन्य चीन की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसके मद्देनजर जापान ज्यादा सक्रिय हो गया है।

इन देशों के साथ गठबंधन को मजबूत करेगा जापान

जापान के पीएम फुमियो किशिदा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ शुक्रवार से आएंगे। किशिदा इस दौरे के दौरान फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और कनाडा भी जाएंगे। यह देश उन सात देशों के समूह में है जिनके साथ जापान ने रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाया है। उनके इस विदेश दौरे का पहला पड़ाव सोमवार को पेरिस है। किशिदा ने कहा कि बाइडन के साथ अपनी शिखर वार्ता जापान-अमेरिका गठबंधन की शक्तियों को रेखांकित करती है और यह भी निर्धारित करती है कि दोनों देश जापान की नई सुरक्षा और संरक्षण के भीतर अधिक से अधिक भीतर कैसे काम कर सकते हैं। जापान ने दिसंबर में प्रमुख सुरक्षा और रक्षा सुधारों को अपनाया, जिसमें प्रतिक्रिया हमलों की क्षमता हासिल करना भी शामिल है। यह देश के विशेष रूप से सिर्फ आत्मरक्षा के लिए युद्ध के पहले के सिद्धांत के विपरीत है।

चीन और उत्तर कोरिया पर नजर
जापान का कहना है कि चीन और उत्तर कोरिया में तेजी से आगे बढ़ने से बचाव के लिए ‘इंटरसेप्टर’ की मौजूदा रोकथाम जारी है। किशिदा ने कहा कि वह बाइडन को नई रणनीति समझाएंगे, जिसके तहत जापान भी योनागुनी और इशिगा सहित ताइवान के करीब अपने दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर रक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा है और वहां नए ठिकानों का निर्माण किया जा रहा है। किशिदा ने चीन के उन्नत सैन्य और आर्थिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की दृष्टि का उल्लेख करते हुए एनएचके राष्ट्रीय टेलीविजन टॉक शो ‘संडे’ में कहा, “जापान-अमेरिका गठबंधन और मजबूत करने पर चर्चा विल, और कैसे हम मुक्त और स्वतंत्र हिंद-प्रशांत की दिशा में एक साथ काम करते हैं।

चीन के खिलाफ जापान स्थापित करेगा क्रूज मिसाइल
नए निशान के तहत जापान ने 2026 में लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है जो चीन में ज़ोन लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा रक्षा बजट को वर्तमान में एक प्रतिशत से सकल घरेलू उत्पाद के लगभग दो प्रतिशत के नाटो मानक के अनुरूप करने के लिए पांच साल के भीतर अपने रक्षा बजट को लगभग दोगुना करना और साइबर स्पेस व खुफिया क्षमता में सुधार करना भी नई रणनीति में शामिल है।

यह कम समय में जितना संभव हो उतना संभव है क्योंकि कुछ मतदाताओं को लगता है कि जारी होने वाली नौकरी करने वाले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग स्व-मैट ताइवान के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। ताइवान पर अपने हिस्से के हिस्से के रूप में दावा करता है। बाइंड और अमेरिकी संसद के कुछ सदस्यों ने जापान की इस नई रणनीति का स्वागत किया है।

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