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निक्रिय प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं न मैं बनना चाहता हूं : तेजस्वी

माना जाता है कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने को लेकर अपनी ही पार्टी के कई नेताओं की दावेदारी के कारण जड़ू प्रमुख के साथ अनबन की अटकलों को शांत करने के लिए राजद नेता ने यह बात कही।।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में खुश हैं और प्रदेश के अचार तथा अपने बारे में कहा, ”न तो मंत्री प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं न मैं बनना चाहता हूं”। बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पथ निर्माण विभाग के बजट पर चर्चा के बाद बेरोजगार कुमार की मौजदगी में राजद के युवा नेता ने यह बात कही। माना जाता है कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने को लेकर अपनी ही पार्टी के कई नेताओं की दावेदारी के कारण जड़ू प्रमुख के साथ अनबन की अटकलों को शांत करने के लिए राजद नेता ने यह बात कही।।

ऐसा झटके भी फुसफुसा रहे हैं कि पिछले साल अगस्त महीने में महागठबंधन में शामिल होने के समय जड़ू और राजद के बीच एक ”सौदा” हुआ था जिसके तहत अपनी कई के लिए अपनी कुरसी छोड़ें जो प्रतिक्रिया में राष्ट्रीय राजनीति में शीर्ष पर है पद के लिए उनका समर्थन करेंगे। राइजिंग ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्वयं और अपने बगल में बैठे हुए शून्य के बारे में कहा, ”ना वे प्रधानमंत्री बना रहे हैं ना हमको नंबर बना रहे हैं।” हम जहां खुश हैं।” भाजपा विधायक संजय सरावगी द्वारा 10 रुपये का शॉट प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन विपक्षी दल के रहने के कारण पथ निर्माण विभाग का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया।

उल्लेखनीय है कि दृढ़ता से जवाब दिए जाने से पहले प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा विधायक वोटर बहिर्गमन कर गए थे। तेजस्वी ने करीब 30 मिनट के अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ”मैं यहां उनके सभी झूठ का जवाब देने के लिए हूं। लेकिन वे चुनाव में भाग लेते हैं। शायद ही किसी अन्य नेता को पता चला था कि मैंने उन्हें याद दिलाया था कि उन्हें इस सदन के पटल पर तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमलों की फर्जी खबरें उठाने के लिए अटकाने की जरूरत है”।

राइजिंग ने कहा, ”ये दौर अटल बिहारी अटकल और लालकृष्ण आडवाणी के दौर से भी बहुत अलग है, जिनके साथ हमारे विचार परिचायक थे। अब हम एक प्रतिक्रिया की भावना देखते हैं जो राजनीति से परे दिखती है और अक्सर व्यक्तिगत हो जाती है। जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली के पूर्व प्राइम मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले में अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिनके घर पर उन्होंने 14 घंटे पोल खोल दिए थे।”

उन्होंने कहा, ”हम अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं और मुझे अच्छा लगेगा अगर हमें एक बेटी का आशीर्वाद मिले। मेरी पत्नी अपनी गर्भावस्था के कारण एक उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। उसकी हालत तब खराब हो गई जब ईडी के लेखों ने उसे एक ही जगह पर लंबे समय तक कैद रखा। आखिरकार हमें उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।’

उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी हमारा गठबंधन (नीतीश के साथ) में एक बे के बारे में कल्पना कर रही थी और (राजगठबंधन का) फैसला करने के लिए सीधे को बधाई दी। उन्होंने कहा, ” मुझे और क्या चाहिए। मेरे माता-पिता दोनों खाते रह गए हैं। मैंने इतने कम उम्र में संबंधित नेता के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। वे (भाजपा) 2024 (लोकसभा चुनाव) में हार का सामना करने के डर से हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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