UNITED NEWS OF ASIA. पंडरिया विधानसभा में कांग्रेस के पिछले पांच साल का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो विधायक ममता चंद्राकर के साथ खोटे सिक्के काम करते रहे है, यही हाल पंडरिया विधानसभा की पहली महिला विधायक ममता चंद्राकर को 36487 वोटो से जीतने के बाद भी बोरिया बिस्तर बाँधकर अपने घर लौटना पड़ा है, किन्तु कांग्रेस के खोटे सिक्के आज भी अपने पद प्रतिष्ठा पर बैठकर राजनितिक चाल खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है, खोटे सिक्को को सिर्फ और सिर्फ अपने अवैध वसूली पर ही पिछले 5 साल में मतलब रहा है।
अवैध धंधो में संलिप्त लोगो से सीधा सम्बन्ध होने का आरोप भी इनके साथ लगते रहा है, जो लोग कल तक कांग्रेस के विरोध में काम करते रहे है उनके साथ सीधा सम्बन्ध जोड़कर लाभ लेने का काम खोटे सिक्के लोग करते रहे है। ऐसे लोगो को विधानसभा पंडरिया में एक बार फिर से कमान दे दी गई है, जिनके कारण लोग शहर से लेकर गाव तक कार्यकर्ता नाराज़ है, ऐसे में सवाल उठाना लाजमी है की क्या कांग्रेस प्रत्यासी नीलकंठ चंद्रवंशी विधानसभा पंडरिया का चुनाव इन खोटे सिक्को के भरोसे फतह कर पाएंगे।
विधानसभा 71 में कांग्रेस गुटबाजी के संक्रमण से गुजर रही है, समानांतर संगठन चलाने वाले लोगो के सामने ब्लाक कांग्रेस कमिटी की शक्ति काफी कमजोर दिखाई पड़ रही है। पूरी राजनिति पर नज़र डाली जाए तो यहाँ बड़ी ही विचित्रता नज़र आती है, कौन सा कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा है और कौन भाजपा का ये बात भी आमजन के समझ से परे है।
ये नेता लोग दिन भर में वाट्सअप यूनिवर्सिटी में लड़ते नज़र आते है, और रात में साथ में पार्टी करते नज़र आते है, इन्ही कारणों के बदौलत ही कांगेस स्थानीय नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में हारती रही है, कमोवेश भाजपा भी इस उलझन में फसी हुई नज़र आती है।
विधानसभा प्रथम चरण के वोटिंग होने में मात्र 5 दिन ही बाकी है, बहरहाल अभी देखना यह है की पार्टी ऐसे चंद खोटे सिक्को के ऊपर कितना भरोसा जताती है और जनता उन्हे अपना कितना आशीर्वाद देती है ।