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गर्भावस्था की भावनाओं को रोलर कोस्टर वाला समय होता है। इन नौ महीनों में कभी-कभी आप बहुत खुश होने लगती हैं, तो कभी आने वाले शिशु और अपनी सेहत की फ़िक्र में भी परेशान हो सकती हैं। कुछ महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस से भिन्न होती हैं, तो कुछ में एंजाइटी के लक्षण भी बढ़ सकते हैं। यह सब वास्तव में हॉर्मोन में होने वाले परिवर्तन और पोषण की बदली आवश्यकताओं के कारण होता है। इन दोनों ही चीजों का असर आपकी त्वचा और बालों पर भी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप प्रेग्नेंसी में भी अपनी त्वचा और बालों की देखभाल (गर्भावस्था के दौरान त्वचा और बालों की देखभाल) पर पर्याप्त ध्यान दें।
हार्मोन परिवर्तन का प्रभाव है
प्रेगनेंसी में मिली-जुली मैं रहता हूं। गर्भावस्था कभी खुशमिजाज भावनाओं को रेटिंग है। तो कभी-कभी आनंद और प्रज्ञा के साथ-साथ भय और संदेह के भी रहते हैं। यह स्वाभाविक है, क्योंकि प्रेग्नेंसी यानी शिशु के आने का समय का मतलब है शरीर और जीवन के तरीके में कई बदलाव। इस दौरान महिलाओं के शरीर से कई तरह की बातें होती हैं। युवा आंकड़े बदल जाते हैं और डर लगता है कि यह फिर कभी पहले जैसा होगा या नहीं।
हालांकि, प्रेग्नेंसी एक संबद्ध शारीरिक प्रक्रिया है। अगर पहले से ही कोई तैयारी कर लें, तो बहु को सकारात्मक तरीके से स्वीकार करना बहुत आसान होगा। इसलिए यह जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में भी आप अपनी त्वचा, बालों और शरीर की नियमित देखभाल की ओर ध्यान दें।
प्रेगनेंसी में स्किन केयर
बढ़ सकता है
प्रेगनेंसी में कई महिलाओं की स्किन में निखार और निखार आता है। यह हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। जबकि कुछ महिलाओं के लिए इस दौरान स्किन की कुछ बीमारियां हो जाती हैं।
सही आहार लें
अगर पोषण संबंधी कमियां हैं, तो त्वचा पर पीलापन दिखाई दे सकता है। विशेष रूप से प्रेग्नेंसी में अनाज आहार, पर्याप्त नींद और विश्राम सौंदर्य और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है।
हर रोज स्किन केयर
व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हर रोज त्वचा की देखभाल की जानी चाहिए। क्लोस्मा या प्रेग्नेंसी मार्क्स प्रेग्नेंसी में एक आम समस्या है। किन किन पर धब्बे बन जाते हैं। आमतौर पर ये गाल या माथे या नाक पर ज्यादा दिखाई देते हैं।
सनस्क्रीन न करें अवॉइड
आस-पास के लिए एक्सपोजर से सुरक्षा प्रदान करने के लिए सनस्क्रीन लोशन का उपयोग करें, जो इन पैच को साफ करते हैं। जहां तक संभव हो, धूप से बचने की कोशिश करें, खासकर दोपहर से 3 बजे तक। चेहरे की मालिश और कुछ क्रीम। अगर मुहांसे या अन्य फोड़े फुंसियां नहीं हैं, तो फेशियल स्क्रब के इस्तेमाल से निशान भी कम किए जा सकते हैं।
इस समय भी आप सनस्क्रीन लगा सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
प्रेगनेंसी मार्क्स के लिए फेस पैक
दही में एक चुटकी मिलाने का दावा सही है। इसे लगभग 20 मिनट तक लगा रहने दें और पानी से धो लें। या फिर शहद और नींबू के रस्सियों को मिलाकर लुक पर शटर्स । फेशियल स्क्रब या क्लींजिंग ग्रेन का इस्तेमाल करें। यह डार्क एरिया पर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
प्रेगनेंसी के दौरान हेयर केयर
सही आहार लें
आमतौर पर प्रेग्नेंसी में संघटित स्थिति से बालों को लाभ होता है। अच्छा पोषण और डॉक्टर द्वारा निर्धारित विटामिन और खनिज की खुराक बालों को बेहतर बनाते हैं। अगर किसी को मानसिक तनाव है, तो बालों के झड़ने जैसे जीवाणु हो सकते हैं। बच्चे के जन्म के बाद बालों का झड़ना हो सकता है।
तनाव न लें
प्रेगनेंसी के बाद बाल ज्यादा झड़ते हैं। बाल रूखे और बेजान दिखने लग सकते हैं। इससे घबराहट की जरूरत नहीं है। जब हार्मोन स्थिर हो जाते हैं तो स्थिति बदल जाती है। प्रेगनेंसी में बालों की नियमित देखभाल से कम किया जा सकता है।
बाल झड़ने के लिए घरेलू उपचार
सप्ताह में दो या तीन बार हर्बल शैम्पू से बालों को कतारें। हेयर ड्रायर के इस्तेमाल से बचें। जितनी बार हो सके बालों को देखें। एक हफ्ते में बालों में निखार आने से बालों में चमक आती है और बाल मजबूत होते हैं।
तेल लगाना जरूरी है
सप्ताह में एक बार तेल अवश्य ही धुल जाता है। बालों को शैम्पू करने से एक रात पहले आयल लगाया जा सकता है। आपके बच्चे के जन्म के बाद भी आपके डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
याद रखना
प्रेगनेंसी कोई बीमारी नहीं है। यह एक प्रासंगिक प्रक्रिया है। बाहरी देखभाल के साथ अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। अच्छा महसूस करने से आप अच्छे खाते और अच्छा दिखने से आप और भी अच्छा महसूस करेंगे। सौन्दर्य ही सब कुछ है।
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