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गर्भावस्था में उल्टी कैसे रोकें।- प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी रोकने के 4 आयुर्वेदिक उपाय।

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प्रेग्नेंसी के दौरान तीन महीने से पहले कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता है। कुछ भी खाने पर उल्टी होने लगती है। शरीर को भ्रंश के जरिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इससे मां के शरीर की कमजोरी होने का डर हो जाता है। इसका सीधा असर बच्चे के विकास पर आशंकाएं होने की आशंका जताती है। कुछ महिलाओं को तो बिस्तर से उठने का मन नहीं करता। उनमें डीहाइड्रेशन होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में कई उपाय हैं जिनमें से किसी में भी इस समस्या से राहत मिल सकती है।


क्यों होती है उल्टी (गर्भावस्था में उल्टी होने के कारण)

जर्नल ऑफ प्रेग्नेंसी में प्रकाशित शोध के अनुसार गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना आम है। प्लेसेंटा द्वारा कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) हार्मोन का उत्पादन होता है। इसके प्रभाव के कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंट महिलाएं गर्भधारण करती हैं गर्भावस्था की प्रतिक्रिया से गलती के तुरंत बाद सीआईजी का उत्पादन शुरू कर देती हैं। इससे मॉर्निंग सिकनेस या उल्टी जैसा लगता है। अक्सर उल्टी किसी विशेष प्रकार के गंध को सूंघने या कुछ खाद्य पदार्थ खाने से होती है। गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान मॉर्निंग सिकनेस सबसे आम है। आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे तीन महीनों के मध्य या अंत तक लक्षणों में सुधार हो जाता है।

इसके बारे में क्या कहते हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ

आयुर्वेद वैज्ञानिक डॉ. अपर्णा अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में यह बताती हैं कि कुछ महिलाएं उल्टी करने के कारण इतनी परेशान हो जाती हैं कि वे 9 महीने किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं कर पाती हैं। आयुर्वेद में सुझाव दें उपाय को आज से उल्टी से राहत मिल सकती है। साथ ही, वे दिन भर सुस्त रहने के बजाय एनर्जेटिक महसूस करते हैं।


आयुर्वेद में बताएं उपायों को आज सुबह सुबह की बीमारी से राहत मिल सकती है। चित्र: एक्सपोजर

डॉ. अपर्णा बता रहे हैं प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के 4 उपाय

1 काली किशमिश को भेदकर पियें (काली किशमिश)

काली एसिड कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन, फाइबर, सोडियम, पोटैशियम से भरपूर होता है। यह हार्ट हेल्थ और बोन हेल्थ के लिए अत्यधिक लाभ है।

उल्टी रोकने के लिए 500 एमएल पानी में 5-6 नल खोल लें। इसमें 2 पिंच इलायची पाउडर मिक्स कर लें। स्वाद के लिए रॉक शुगर एड कर लें। इसे दिन भर थोड़ा-थोड़ा पीते रहें।

काली किशमिश का पोषक तत्व का खजाना है।
काली प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी रोकने में मदद करती है। चित्र: एक्सपोजर

2 लाजा सक्तू को आजमें (लजा सक्तू)

लाजा एक नर, सफेद चावल जैसा खाद्य उत्पाद है, जिसे धान को भून कर तैयार किया जाता है। इसे देसी भाषा में धान का लावा भी कहा जाता है जिसे आयुर्वेदिक शास्त्रों के अनुसार, लाजा का व्यापक रूप से उल्टी, दस्त, ब्लीडिंग विकारों के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें सोडियम, पोटैशियम, गुड कोलेस्ट्रॉल, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन भी पाया जाता है। 1 कप लाजा को 2.5 ग्लास पानी के साथ 5 मिनट तक ओपन लें। फ्लेम को दूर रखें। इसे रॉक शुगर और 2 पिंच इलायची पाउडर के साथ मिक्स कर सकते हैं।


3 अदरक के जूस के साथ नारियल पानी (गर्भावस्था में नारियल पानी)

नारियल पानी अलग-अलग शेयरधारकों और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कि पोटैशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, कार्य, एसिड और साइटोकिनिन से भरपूर होता है। इसमें लगभग 470 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। अन्य चिपकाने में विविध, कार्बोहाइड्रेट और चीनी भी कम होती है। यह दिमाग के अलावा हार्ट हेल्थ और किडनी के लिए भी बढ़िया है।

अदरक के साथ ही अदरक में मुख्य जैविक सक्रिय यौगिक के रूप में मौजूद है। जिंजेरोल में शक्तिशाली एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

नारियल पानी हाइड्रेटिंग ड्रिंक है
नारियल पानी में अदरक मिलाकर पीने से उल्टी से राहत मिलती है। चित्र: एक्सपोजर

कोकोनट पानी को 1 चुटकी गुलाबी नमक, आधा टेबलस्पून अदरक का जूस और आधा चम्मच नींबू के रस के साथ लें। इसे पीयें।

4 समस्या अधिक होने पर डॉक्टर से मिलें

यदि ये टिप्स काम नहीं करते हैं, तो किसी अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सक से मिलें। बिना किसी सलाह के दवा लेना या घरेलू नुस्खे आजना गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि विशेषज्ञ किसी से सलाह लेने के बाद ही कुछ ट्राई करें।


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