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बच्चे के साथ-साथ एक मां का भी जन्म होता है। तभी हम उन्हें नए मां कहते हैं। वह भ्रूण है जिसे आपने पिछले 36 सप्ताह से अपने गर्भ में धारण किए हुए थे, अब वह एक आश्रित बच्चे के रूप में आपकी गोद में है। जब तक गर्भ में था, तब तक न तो आपको उसका सू-सू, पॉटी की टेंशन थी और न ही शेडिंग की। नवजात शिशु को ब्रेस्टफीड करवाना किसी भी मां के लिए अपना काम हो सकता है। अगर आप भी हाल ही में मां बनीं या बन रहे हैं, तो जानिए क्या है बेबी को सही तरह से घूरने का तरीका।
स्तनपान करवाना क्यों जरूरी है
प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और व्यापक मां का दूध बच्चों के लिए संपूर्ण आहार होता है। इसलिए डॉक्टर ध्वनि जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराने वाली सलाह देती हैं। यह न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि बच्चे के संवेदनशील पेट के लिए इसे पचाना भी आसान है। मां से मिले सौ मिले दूध में बच्चे को 65 प्रतिशत कैलोरी, 6.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट जो लैक्टोज का काम करता है, 3.8 ग्राम हेल्दी डाइट और 1.3 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है।
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यहां जानिए बच्चे को ब्रेस्टफीड करने का सही तरीका
1 कब पिलाना है दूध
डॉ सुनीता सिंह की बात तो नए जन्मे बच्चे हर रोज लगभग 8 से 12 बार भोजन करते हैं। बच्चों के शरीर की रात में प्रोलैक्टिन, लैक्टेशन हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है। इसमें मां को नियमित रूप से बार-बार दूध पिलाने से शरीर को पर्याप्त दूध का उत्पादन जारी रखने का संकेत मिलेगा।
2 ऐसे पिलाएं बच्चे को दूध
प्रसूताएं जिन्होंने हाल में ही बच्चों को जन्म दिया है, वह उनके पहले बच्चे की पहले बच्चे को आगे करें, फिर स्तन के पास देखें। इसके बाद बच्चे की छाती और पेट मां अपने शरीर के पास करें। तब बच्चे की जीभ को स्तन के नीचे होना चाहिए, और बच्चे के मुंह के स्तन से भरा होना चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि उसे सिर्फ निप्पल लिप्स निकले हुए नहीं होने चाहिए, बल्कि थोड़े स्तन के संपर्क में आने चाहिए।
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3 हर स्तन खाली करने में दस मिनट लगते हैं
स्तन से दूध पीने वाले बच्चे के लिए मां को समय-समय पर बच्चे को दूध पिलाना होता है। इस पर सबसे जरूरी बात है कि बच्चे का दूध कितना लंबा पीता है। डॉ सुनीता बताती हैं कि एक स्तन से दूध खाली होने में दस मिनट का समय लगता है, दोनों स्तनों से बीस मिनट में दूध खाली हो जाता है। डॉ सुनीता के अनुसार जो माँ प्रत्येक सत्र में कम अवधि के लिए बच्चे को स्तन से दूध पिलाती हैं, तो बच्चा भी भूखा रहता है और स्तन में किसी प्रकार के रोग की भी शुरुआत हो सकती है।
4- पोष्टिक आहार का ही सेवन करें
दूध का सेवन करने से पहले मां को पोष्टिक भोजन का सेवन करना होगा। जिससे मां के दूध की आपूर्ति कम न हो। जानकारी के लिए डॉक्टर का निर्देश तो एक दिन में पांच सौ कैलोरी के साथ आयरन, फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन की जरूरत रहती है। इससे पोष्टिक भोजन को पूरा किया जा सकता है।
यदि मां ऐसा आहार नहीं लेती है, तो दूध की आपूर्ति एक सीमा तक कम हो सकती है। इसके लिए पतले दाल, हरी सब्जियां, दायरे, खजूर आदि के सेवन से लाभ होगा। और हां मां या सासू मां को हेल्दी लड्डू जरूर मजबूत करती है। ये आपके और बच्चे दोनों के पोषण के लिए बहुत जरूरी हैं।
5 भरपूर नींद लेना
बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को भरपूर नींद लें। ऐसा नहीं करने से मां को कई तरह की बीमारी हो सकती है। जैसे सर दर्द, आखों में सूजन, डार्क सर्कल, चेहरे पर झुर्रियां, ब्लड प्रेशर और मधुमेह की घोरता हो सकती है। इससे बचने के लिए भरपूर नींद लेनी चाहिए।
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