
एक बोइंग विमान 777-200ER, जिसमें 227 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। ये विमान कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुआ और बीजिंग के रास्ते में था जब इसका कोई निशान अचानक से गायब हो गया।
हमारी पृथ्वी और मिस्ट्री का एक अनोखा संबंध रहा है। वैसे तो विज्ञान इतना बड़ा कर लेता है कि किसी भी गुत्थी का रहस्य बन जाना नामुमकिन सा प्रतीत होता है। मगर भी हमारे आस-पास ऐसे कई किस्से सुनने और देखने को मिलते हैं जिन्हें सुलझाते हुए वैज्ञानिकों का दिमाग भी चकरा जाता है। आज आपको ऐसे ही एक दिल्चस्प किस्से के बारे में बता रहे हैं जब 239 यात्री प्लेन से भरे आसमान से ही गायब हो गए थे। हम बात कर रहे हैं मलेशिया एयरलाइंस की MH370 के बारे में। दुनिया में नौ साल पहले इसी दिन सबसे हैरान करने वाले और दिल दहला देने वाली विमानन त्रासदी देखी गई थी। मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान MH370 8 मार्च 2014 को अनुत्तरित और अक्थनीय उदासी के निशान के पीछे होते हुए हवा में गायब हो गई।
आज भी अनुज हैं सवाल
एक बोइंग विमान 777-200ER, जिसमें 227 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। ये विमान कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुआ और बीजिंग के रास्ते में था जब इसका कोई निशान अचानक से गायब हो गया। व्यापक खोज अभियान और व्यक्तियों के परस्पर प्रयासों के बावजूद, विमान कभी नहीं मिला। उस दिन के बाद से जो साल गुजरे हैं, उसने इसके घटते रहस्य को और गहरा कर दिया है। हालांकि कई सालों बाद मलबे की खोज की गई थी, लेकिन यह विमान या यात्रियों के बारे में यात्रियों के बारे में कोई निर्णय देने में विफल रहा है। जनवरी 2015 में मलेशियाई सरकार ने सभी 239 यात्रियों और चालक दल को मृत मान लेने की घोषणा की, इसके बारे में सब कुछ गलत और दोस्तों के दुख और दुखों को गहरा कर दिया। बोइंग 777 से जुड़े विमानन के इतिहास में यह सबसे घातक और सबसे गहरी घटना बनी है।
गुड नाइट मलेशियन 370 और फिर…
12:41 मिनट पर कुआलालंपुर एयरपोर्ट से फ़्लाइट भरी, जिसमें चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया समेत 14 देशों के यात्रियों से सवाल थे। 27 साल के फरीक अहमद इस फ्लाइट के पायलट थे और ये उनकी आखिरी ट्रेनिंग फ्लाइट थी और वो इसके बाद फुली सर्टिफाइड पायलट बनने वाले थे। वहीं उनके साथ 53 साल के पायलट इन कमांड जाहिर अहमद शाह भी मौजूद थे। इन्हें मलेशियन एयरलाइंस में सबसे सीनियर कैप्टन में से एक बताया जाता है। इस विमान को छह घंटे का सफर तय करते हुए सुबह 6:30 बजे चीन की राजधानी बीजिंग हवाई अड्डों पर चढ़ना पड़ा। टेक ऑफ के दौरान इस विमान में करीब 49 हजार 100 किलो फर्ज मौजूद था। जो करीब सात से आठ घंटे की उड़ान के लिए काफी होता है। दूसरी तरफ का मौसम भी बिल्कुल साफ था। टेक ऑफ के करीब 38 मिनट बाद विमान के कैप्टन से हवाई यातायात नियंत्रण के साथ आखिरी बार बात हुई थी। उनका आखिरी शब्द गुड नाइट मलेशियन 370 था, इसके बाद उन्हें वियतनामी एयर स्पेस कंट्रोलर से संपर्क करना था। लेकिन अंतिम चेक इन के 2 से 3 मिनट बाद ही प्लेन मलेशियन और वियतनामी दोनों का प्रयास स्ट्रिम से बाहर हो गया।
परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं
मलेशिया एयरलाइंस के एमएच370 विमान के दुर्घटनाग्रस्त लापता होने से प्रभावित परिवार अपने प्रियजनों के लिए न्याय की जांच कर रहे हैं। हाइलाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कुआलालंपुर में अधिकारियों से लापता विमान की एक नई खोज शुरू करने के लिए कार्रवाई की मांग की है।
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