जोशीमठ भूमि का डूबना: केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को जोशीमठ शहर का दौरा करेंगे और वहां धंसने की बढ़ती चिंताओं के बीच स्थिति का जायजा लेंगे। यह फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा रविवार को जोशीमठ में लोगों द्वारा जीता जा रहा भूमि धनसाव की समस्या को लेकर की गई समीक्षा बैठक के बाद लिया गया, भूमि धंसाव से शहर के फैसलों की आशंका बढ़ गई है।
सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य स्थिति का जायजा
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा द्वारा आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गृह मंत्रालय सचिव, सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य उत्तराखंड में स्थिति का सामना करने के लिए जाएंगे। पीएमओ ने आगे निर्देश दिया कि एनडीएमए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कार्यक्षेत्र रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन साइंस, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड सेंट्रल बिल्डिंग सीधे पहल के मामले की स्थिति को स्थिति का अध्ययन करना चाहिए और मामले पर तुरंत अपनी ठीक हो गया है।
स्ट्रेटाकी चार टीमें पहले ही पहुंच चुकी हैं जोशीमठ
सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ से पीएमओ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि एंडी रैकेट की एक टीम और स्ट्रैटेजी की चार टीमें पहले ही जोशीमठ तक पहुंच गई हैं और इससे सुरक्षित स्थानों पर असर हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी से बात की और राहत और पुनर्वास कार्य में हर संभव मदद की पेशकश की।
बता दें उत्तराखंड के जोशीमठ को झटके और धंसाव क्षेत्र ने घोषणा के बाद राहत और बचाव के प्रयास में तेजी लाने की घोषणा की