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गृह जिले मे बढ़ते अपराध के ग्राफ से घिरे गृह मंत्री, एक ओर जहाँ कार्यकर्ताओं मे पनप रही नाराजगी, तो जिले के नेताओं मे शीतयुद्ध की स्थिति

चुनाव दौरान जिसका विरोध कर बनाया माहौल, जीत के बाद उसे ही गले लगा रहे गृह मंत्री ?? अकबर की राह पर विजय शर्मा ??

नमस्कार , यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया के देवतुल्य पाठकों को प्रणाम 

नई सरकार, नई उम्मीदें, नया साल

नई सरकार मे ज़ब कवर्धा के विधायक विजय शर्मा ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी तो कवर्धा धर्मनगरी मे ऊर्जा प्रवाह हो चूका था की अब बदलाव की लहर चलेगी..

बीजेपी के कार्यकर्ताओं से लेकर आम जनता का बड़ा वर्ग विजय शर्मा से खुद को जोड़कर बड़ी उम्मीदें लगाया था..

पर वहीँ दूसरे तरफ ज़ब 9 महीने के कार्यकाल पर नजर डाले तो बहुत कुछ अपेक्षिकृत दिखाई नहीं पड़ता..

आइये विस्तार से जानते है 09 महीने के कार्यकाल मे हमारी समीक्षा..

स्वास्थ्य क्षेत्र मे नई सरकार के कदम मेडिकल कॉलेज की ओर बढ़े है, पूर्ववर्ती सरकार की घोषणा के बाद अब मूर्त रूप देने प्रयास हो रहे है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा विगत दिनों मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया के अफसरों के साथ प्रस्तावित स्थल का निरिक्षण किया गया है एवं सांसद संतोष पाण्डेय ने भी उक्त हेतु सार्थक कदम उठाये है, उम्मीद है जल्द ही काम प्रारम्भ होगा।

वहीँ दूसरी तरफिर जिला अस्पताल एवं जिले के स्वास्थ्य केन्द्रो मे डॉक्टर्स की नियुक्ति लगातार हो रही है
जिला अस्पताल मे हो रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार प्रसंशनीय है।

शिक्षा के क्षेत्र मे बात करें तो 09 महीनो मे बदलाव के नाम पर कुछ खास नहीं दिख रहा है, आज भी छत से पानी टिपकना,जर्जर भवन मे बच्चों की पढ़ाई की खबरें सुर्खियां बनी हुई है, हालांकि मरम्मत हेतु राशि जारी किये गए है जिससे तस्वीर बदल सकती है, उच्च शिक्षा के मामले मे कोई बड़ा प्रयास नहीं दिख रहा है।

रोजगार के संबंध मे जिले मे हालात बदतर होते जा रहे है
एक तरफ सुगर फैक्ट्री से कर्मचारीयों को निकाले जाने की बात वहीँ दूसरी तरफ बड़ी संख्या मे जिले के लोगों को कमाने खाने अन्यत्र पलायन ये दोनों कवर्धा मे देखने को मिल रहा है
जिले मे कोई बड़ा कदम रोजगार के लिये दिखाई नहीं पड़ता
स्वरोजगार हेतु सरकार कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रही है

क़ृषि के क्षेत्र मे लगातार आवाज बुलंद करने वाले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के क्षेत्र मे किसान अपनी मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके है।
कांग्रेस सरकार के कर्जा माफ़ी को याद करते हुए लगभग सभी स्थानों मे किसान परेशान दिखाए देते है
बहरहाल शुगर फैक्ट्री मे शेयर धारियों को न्यूनतम मूल्य मे शक़्कर देकर एक अच्छा प्रयास किया गया है
फिर भी क्षेत्र के किसान सिंचाई, खाद जैसी मुलभुत आवश्यकता हेतु परेशानी मे दिखे है।

बिजली की बात करें तो बिजली व्यवस्था जिले के इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है,पानी की बुँदे टपकना बाद मे शुरू होता है पहले बिजली विभाग सप्लाई रोक देता है, स्मार्ट मीटर लगने चालू हो गए है। नई योजना से उपभोक्ता को राहत मिलेगी या तकलीफ ये तो आने वाले समय मे ही पता चलेगा। स्थाई कनेक्शन मे देरी, आये दिन मेंटेनेंस के नाम पर कटौती, अघोषित कटौती, लो वोल्टेज जैसी अनेको समस्याएं बीजेपी के गले का फांस बन चुकी है

सड़को की बातें करें तो कवर्धा शहर के मुख्य मार्गो से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हर जगह सड़कों को लेकर आमजन परेशान दिखाई दे रहे है जो की जनप्रतिनिधियों की परेशानी बन सकता है

ये तो हुई मुलभुत आवश्यकता पर बात पर जब हम नजर डालते है नई सरकार के रवैये पर तो मामला काफ़ी बिगड़ा नजर आने लगता है।

जब एक ही दल का एक विधायक दूसरे विधायक के क्षेत्र से संबंधित सवाल पूछे तो लोगों का ध्यान जाना वाकिफ है
शहर से लेकर गांव तक जिले मे बढ़ रहे मामले जनमन मे चर्चा मे है प्रदेश कांग्रेस द्वारा बुलाये गए बंद का असर दिखना बीजेपी के लिये सही नहीं है.

एक घटना की जाँच पूरी नहीं हो पाती की फिर से अपराध हो जाता है. जिले मे अपराध के बढ़ने से विजय शर्मा लोगों के निशाने मे आ जाते है. गृहजिले मे अपराध बढ़ने से लगातार प्रदेश कांग्रेस से घेरा जा रहा है वहीँ दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लगातार कवर्धा जिले के दौरे पर रहना वर्तमान सरकार के माथे पर लकीरें ला देता है.

कवर्धा मे हुए साधराम यादव हत्याकांड, बिरकोना मामले मे आज तक एसआईटी की रिपोर्ट नहीं आ पायी थी की लोहाराडीह की घटना ने नेशनल मीडिया तक सुर्ख़ियों में रही …

लोहाराडीह के बाद विगत दिनों हुए बिरनपुर मे हत्या एवं चोरी जैसी वरदातों ने विजय शर्मा के माथे पर चिंतन की लकीर ला दी है। जिले मे लगातार बढ़ते अपराध, सब गृहमंत्री के जिले मे गृहमंत्री की साख को धूमिल कर रहे है।

जब कवर्धा नगर पालिका के कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया था तब विजय शर्मा नगर पालिका के संबंध मे कहा था की कांग्रेस पार्षद की संख्या बहुमत मे है इसलिए वो नगर पालिका मे हस्तक्षेप नहीं करेंगे पर कुछ समय बाद ही कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गयी।

नए अध्यक्ष के साथ कवर्धा मे विवादों का नया सफर शुरू हुआ..

जब गुरुनाला की सफाई के नाम पर बिना पीआईसी मे पास हुए पसंदीदा ठेकेदार से करोडो के काम ले लिए गए
आज तक गुरुनाला की वास्तविक स्थिति सामने नहीं आ पायी और न ही गुरुनाला की जगह पर अवैध कब्ज़ा करके घर बना चुके धुरंधरो पर कोई कार्यवाही हो पायी।

वहीँ दूसरी तरफ पिपरिया मे भी अविश्वास प्रस्ताव के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गयी। विधानसभा चुनाव के दौरान शहर के लक्ष्मी लॉज जहाँ के संचालक प्रमोद लुनिया कांग्रेस पार्षद है उनके यहां एक मामले को लेकर स्वयं तब के बीजेपी प्रत्याशी विजय शर्मा ने जाकर विरोध प्रदर्शन किया था और आज विजय शर्मा ही उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिला गए।

पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी बढ़ रही है जो आये दिन सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है। कवर्धा मे बीते 9 महीने मे कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है जिसके बलबूते सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर पाए। हिंदुत्व के मुद्दे को फ्रंट पर रखकर चुनाव जीत चुकी बीजेपी मे आपसी खींचतान मची हुई है। इन सब के बीच लगातार कांग्रेस का मजबूत होना बीजेपी के लिये नुकसान देह है।

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