
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह,रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के आवाहन पर पूरे देश में 25 जून को ‘लोकतंत्र और संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया गया। इसी क्रम में नरेंद्र मोदी विचार मंच एवं राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष आयोजन किया गया, जिसमें मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्रा सहित अनेक पदाधिकारियों ने अपने विचार साझा किए।
डॉ. राकेश मिश्रा ने अपने संबोधन में वर्ष 1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल (इमरजेंसी) को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश की जनता के मौलिक अधिकारों को कुचल दिया गया था। प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और जनता की आवाज को पूरी तरह दबा दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की उस कार्रवाई ने संविधान की आत्मा और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर दी थी। आज 50 वर्ष बाद भी देश को उस घड़ी की याद दिलाने और नई पीढ़ी को सच से रूबरू कराने की ज़रूरत है।
कार्यक्रम में मंच के अन्य पदाधिकारियों ने भी इमरजेंसी के दुष्प्रभावों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए दी गई कुर्बानियों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाए। वक्ताओं ने कहा कि यह दिन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक चेतना और संविधान की मर्यादा की रक्षा के संकल्प का दिन है।
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