
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने शुक्रवार को जनहित याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने रामायण, भगवान राम और देश की संस्कृति का मजाक बनाने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय से ‘आदिपुरुष’ में रावण, राम, सीता और हनुमान के कई अपमानजनक सीन भी हटाने के लिए आदेश देने की मांग की है। राष्ट्रपति का आरोप है कि इस तरह की फिल्म में दिखाया गया है, वो धार्मिक चरित्रों का बिल्कुल उल्टा है।
‘आदिपुरुष’ की भाषा पर सवाल
याचिका में लिखा है कि इस फिल्म में गलत तरीके से चरित्रों को दिखाते हुए हिंदू समुदाय की भावना का आहत किया गया है। इस मामले में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से भी संपर्क किया गया था लेकिन उनकी ओर से आज तक कोई जवाब नहीं आया। महार्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास की लिखी रामायण में जिस तरह से सभी पात्रों का दावा किया गया है। उस होश से फिल्म के सभी मेल खाते नहीं हैं। इसलिए ही नहीं, इसमें जिस तरह की भाषा बोली गई है, वो भी त्रेता युग में कभी इस्तेमाल नहीं की गई है।
‘आदिपुरुष’ को बैन करने की मांग की
याचिका में तर्क दिया गया है कि हिंदू भगवान राम, सीता, और हनुमान की छवि के बारे में एक विशेष दृष्टिकोण है और फिल्म प्राधिकरण, निर्देशकों और अभिनेताओं द्वारा उनकी दिव्य छवि में कोई भी बदलाव/छेड़छाड़ उनके मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसलिए करीब 600-700 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है। इसे सिनेम में न दिखाएं और इसे सर्टिफिटेक न देखें, हिंदू सेना की ओर से भी अपील की गई है।
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