हिमाचल प्रदेश समाचार: हिमाचल प्रदेश (हिमाचल प्रदेश) के भागीदार सुखविंदर सिंह सुक्खू (सुखविंदर सिंह सुक्खू) ने साल 2023-24 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 3 हजार 139 करोड़ का बजट पेश किया गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार मेडिकल घोषणा को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा से लैस करने का लक्ष्य रखा है। बजट में आईजीएमसी पैसिव(आईजीएमसी शिमला), चमियाना पैसिफिक, टांडा, नाहन, चंबा (चंबा) और नेरचौक के मेडिकल में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा कर सकती है। इस सरकार पर वित्त वर्ष में करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
स्वास्थ्य के लिए शुरू किए गए बजट में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, नाहन और चंबा के काम का पूरा कर नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसमें सरकार का 100 करोड़ रुपए खर्च होगा। इसके अलावा प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी विभाग को सदस्यता कर आपात चिकित्सा विभाग के तौर पर सभी की स्थापना की जाएगी। अपने बजट भाषण के दौरान अपने बैठक में कहा कि कैजुअल्टी विभाग में एक बिस्तर पर तीन-तीन बुजुर्गों को रखना है। इसकी वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि कैजुअल्टी विभाग को अपडेट करने के बाद वहां स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या फिर से बढ़ेगी और कर्मचारियों को भी ओवरटाइम नहीं मिलेगा।
मेडिकल टिक्स की स्थापना होगी
भोपाल हीनविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट में हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाने की भी घोषणा की है। हिमाचल प्रदेश में जरूरी और आधुनिक प्रशासन की खरीद और उचित मूल्य पर समझौते के लिए हिमाचल प्रदेश मेडिकल संबद्धता की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा शुगर से पीड़ित महिलाओं को प्रेग्नेंसी के लिए जिंक पंप मुफ्त करवाए जाने की घोषणा की जाती है।
हर मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया जाएगा पैट-स्कैन पेपर
स्वास्थ्य बजट में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर केयर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और बाजीक मेडिसिन डिपार्टमेंट की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से की जा रही पैट-स्कैन (PET-SCAN) की सुविधा की मांग भी पूरी होगी। पैट-स्कैन मशीन का इस्तेमाल रोगी में कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस परीक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश के लोग बाहरी राज्यों में छह महीने की वेटिंग शुरू कर रहे हैं और 20 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं।