
UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के 112 युवाओं को बड़ी राहत देते हुए जमानत मंजूर कर ली है। जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। इससे पहले भी 60 से अधिक आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी, हालांकि अब भी कई आरोपी जेल में बंद हैं।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी मामले में जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को जमानत दी, जिससे इस प्रकरण में आरोपियों को राहत मिलने का सिलसिला जारी है।
भीम आर्मी का प्रदर्शन और सीएम हाउस घेराव
इस मामले में गिरफ्तार सतनामी समाज के लोगों की रिहाई और मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर भीम आर्मी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच किया। इस दौरान बड़ी संख्या में भीम आर्मी कार्यकर्ता और सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन में शामिल हुए।
इससे पहले, 29 जनवरी को हाईकोर्ट से भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सहित 15 से अधिक आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले एक अभियुक्त को मिली जमानत को आधार बनाकर अन्य आरोपियों ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था, जिसे अब मंजूरी दे दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 15-16 मई 2024 की रात का है, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। इस घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन समाज के लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की। इसके चलते गृहमंत्री विजय शर्मा ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी।
हालांकि, 10 जून को जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए, जहां विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया, जिससे 12.53 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया। अब हाईकोर्ट से 112 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है।













