
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में 660 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच तेज हो गई है। इस मामले में अब तीन आईएएस अधिकारी जांच के घेरे में हैं। एसीबी/ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने IAS भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई को पूछताछ के लिए समन जारी किया है।
आज दोपहर से IAS भीम सिंह से पूछताछ चल रही है, जो दो घंटे से अधिक समय से जारी है। इससे पहले बुधवार को IAS चंद्रकांत वर्मा से छह घंटे तक पूछताछ की गई थी। इन अधिकारियों से टेंडर प्रक्रिया, भुगतान और दस्तावेजों में अनियमितताओं को लेकर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
660 करोड़ की गड़बड़ी, बिना बजट मंजूरी हुई खरीद
ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि कांग्रेस शासनकाल में CGMSC ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की दवा और उपकरणों की खरीदी की थी। इस रिपोर्ट को भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने उजागर किया था।
जांच के प्रमुख खुलासे:
- अनावश्यक केमिकल और उपकरण खरीदे गए
- जिन अस्पतालों में जरूरत नहीं थी, वहां भी आपूर्ति कर दी गई
- 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण भेजे गए, जिनमें से 350 से अधिक केंद्रों में भंडारण और तकनीकी सुविधाएं ही नहीं थीं
- बिना सर्वेक्षण किए मेडिकल उपकरणों की खरीदी
जिम्मेदार अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
ईओडब्ल्यू ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। जांच के घेरे में आने वाले अफसरों की गिरफ्तारी भी जल्द संभव है। सूत्रों के मुताबिक, अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है।
जल्द होंगी गिरफ्तारियां?
इस घोटाले में कई बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है। ACB-EOW की टीम आगे की जांच में और अधिकारियों को भी समन भेज सकती है। राज्य सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दे रही है।













