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अस्वास्थ्यकर निर्णय और लेन-देन की जीवनशैली के कारण आजकल कई लोगों में छोटी उम्र से ही बिमारियां बढ़ने लगती हैं। इसके साथ ही आगे बढ़ने की भागदौड़ ने भी लोगों को लंबे समय तक काम करने की आदत डाल दी है। जिसके कारण लोगों को कमर का दर्द, गर्दन का दर्द और सिरदर्द जैसी स्थिति से जूझना पड़ता है। अगर आपको कभी-कभी इन समस्याओं से जूझना पड़ता है, तो इसका मुख्य कारण आपका गलत पोस्ट ही हो सकता है। लेकिन अगर आपको लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है तो इसका कारण सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस) भी हो सकता है।
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें गर्दन और पीठ में हरदम दर्द रहता है। इससे दैनिक नेटवर्क भी प्रभावित होने लगती हैं। इस समस्या और इसके कारणों को समझने के लिए हमने बात की मैक्स हॉस्पिटल (वैशाली) के रुमेटोलॉजी (रुमेटोलॉजी) के डायरेक्टर डॉ (मेजर जनरल) दर्शन सिंह भाकुनी से, जिन्होनें इस समस्या पर हमसे साझा की जानकारी साझा की।
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस क्या है पहले समझिए
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस एक प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है जिसमें गर्दन की रीढ़ की हड्डी में लंबे समय तक कड़ापन दिखाई देता है। साथ ही सिरदर्द रहने के साथ गर्दन और कंधो में भी जकड़न और दर्द रहता है।
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस के लक्षण पर ध्यान देना जरूरी है
ज्यादातर लोगों को शुरुआत में इस समस्या का पता नहीं चलता, जिसके कारण समय के साथ समस्या ज्यादा बढ़ने लगती है। इसलिए जरूरी है कि इस समस्या के लक्षणों का पहले से पता लगाया जाए। इसके लक्षणों के बारे में डॉ दर्शन सिंह भाकुनी ने बताया कि सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस की शुरुआत होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं।
1. गर्दन से जकड़न तक दर्द होना
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस की शुरुआत होने पर किसी व्यक्ति के माथे के साथ रुकना और कई में दर्द रहने लगता है। इसके साथ ही शरीर के इन हिस्सों में अकड़न और सल्ब होने का आभास भी हो सकता है।
2. सिर के पिछले हिस्से में दर्द
व्यक्ति को सिर के पिछले हिस्से में दर्द रहने लगता है, ऐसे में उसकी गर्दन झुक जाती है और तेज दर्द के दौरान कई काम करते हुए दर्द महसूस हो सकता है। इसके कारण गर्दन की हिलने-डुलने में समस्या होने लगती है।
3. चक्कर आना या असंतुलित होना
इस समस्या में अक्सर समय के कारण चक्कर आना या एक-दूसरे के साथ मिलकर करोड़ों जैसी नौकरियां होने लगती हैं।
4. कमज़ोरी
शरीर में अत्यधिक थकान रहने के साथ कमजोरी भी महसूस होने लगती है। इसके साथ ही और पैर में अकड़न और भारीपन होने लगता है।
5. ब्लैडर कंट्रोल छाना
वैज्ञानिक के अनुसार सर्वाइकल स्पंदिलाइसिस होने पर मूत्राशय और गेंद भी कंट्रोल से बाहर होने लगता है।
सर्वाइकल स्पेंडिलाइसिस के लिए जिम्मेदार कारण
डिस्क का नुकसान
सर्वाइकल वर्टिब्रे के बीच की डिस्क को लगातार नुकसान होने से नसों पर दबाव पड़ने लगता है, जिससे सर्वाइकल वर्टिब्रेस की समस्या हो सकती है।
गलत पोस्चर में बैठ जाएं
जो लोग काम करते समय लंबे समय तक गलत पोस्टमार्क लगाते हैं। जैसे कि गर्दन को लंबे समय तक झुका कर रखना आदि। उनमें से यह समस्या हो सकती है।
पोषक तत्वों की कमी
सर्वाइकल स्पैनिलाइसिस के लिए पोषक तत्वों की कमी का बड़ा कारण हो सकता है। डॉ दर्शन के अनुसार विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों की घनत्व कम होने लगती है, जिससे हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं।
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जानिए कैसे करें इस समस्या की रोकथाम और उपचार
पोस्चर का ध्यान रखें
सर्वाइकल स्पेन्डिलाइसिस की समस्या पोस्चर के कारण होती है, इसलिए इसमें आपके पोस्चर का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए आप आसान व्यायाम भी आजमा सकते हैं।
डाइटिंग का रखें विशेष ध्यान
एक हेल्दी डाइट किसी भी स्वास्थ्य समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकती है। रुमेटोलॉजी के जानकार डॉ. दर्शन का कहना है कि अपने आहार में विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से समस्या में आराम मिल सकता है।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें
कुछ आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से इस समस्या में काफी आराम मिल सकता है। इसके साथ ही रोज़ लाइटलाइट-फुल्की वॉक से भी लाभ हो सकता है।
बर्फीली और गर्म सिकाई से राहत मिलती है
सूजन और तेज दर्द की समस्या में अक्सर सिकाई करना लाभ होता है। क्योंकि यह मसल्स को रिलेक्स करके दर्द को कम करने में मदद करता है। वैज्ञानिक के अनुसार Ice and Hot Pack के 15-15 मिनट का असर हो सकता है। सॉफ्ट सर्वाइकल नेक कॉलर का उपयोग करने से भी लाभ हो सकता है।
हल्का दर्द निवारक
इसके लिए आप मांसपेशियों को आराम देने वाले आराम दर्द निवारक भी ले सकते हैं।
रुमेट वैज्ञानिक से परामर्श किया
अगर आपको कोई खतरा लंबे समय से बना हुआ है, तो बिना देरी किए सहयोगियों से संपर्क जरूर करें। इससे आपको समस्या को समझने और आराम पाने में मदद मिल सकती है।
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